संतोष यादव की रिपोर्ट :
सुल्तानपुर : शासन की लाख हिदायतों के बावजूद भी विकास खण्ड भदैयाँ के अधिकारी व कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं, जिसके चलते आज भदैयाँ ब्लॉक के बद्दरूदीनपुर ग्राम सभा में शौच मुक्त योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं। कमीशनबाजी के चलते पीली ईट व घटिया मसाले से इज्ज़त घरों का निर्माण कराया जा रहा हैं और जिले के आला अधिकारी भी कुंम्भकर्णी नींद में सो रहे हैं। अब एसे में सरकार का यह प्रयास आखिर कैसे कामयाब होगा कि लोग खुले में शौच को ना जाये ? उनके मन में ये शंका बनी रहती है कि कही ये इज्ज़त घर किसी का घर ना उजाड़ दे क्योंकि उसका ये भरोसा नही है कि कब वह गिर जाये।
लोगों का कहना हैं कि 10 -20 बोरी बालू में व दो से चार बोरी सीमेंट में कैसे इज्ज़त घरों को तैयार किया जा रहा हैं। भदैयाँ ब्लॉक के बद्दरूदीनपुर ग्राम सभा में ब्लॉक के अधिकारी व ग्राम प्रधान की मिलीभगत से ये घटिया काम देख़ने को मिल रहा है। इसकी शिकायत पर अधिकारी व ग्राम प्रधान का कहना कि हम जिस तरीके से चाहेंगे उसी तरीके से बनेगा। इज्ज़त घरों का निमार्ण इन दिनों ठेकेदारी के माध्यम से दिया जा रहा है। एडीओ पंचायत के कुछ चहेते ठेकेदार व ग्राम प्रधान द्वारा घटिया सामग्री से निर्माण करवाया जा रहा हैं। इसके बदले ठेकेदार द्वारा एडीओ पंचायत व ग्राम प्रधान को मोटी रकम से नवाज़ा जाता है।
आप को बता दें कि मानक के विपरीत हो रहे इन इज्ज़त घरों के निर्माण पर जिले के जिम्मेदार अफसर भी चुप्पी साधे हुए हैं। इसी का नतीजा है कि ब्लॉक के एडीओ पंचायत से लेकर ठेकेदार व ग्राम प्रधान मालामाल हो रहें हैं। ये सरकार कि धज्जियां उड़ा रहें हैं। सरकार कि मंशा पे पानी इस तरह फेर रहें हैं कि जैसे वह खुद हि सरकार हो। लोगों का भरोसा सरकार पर से इस तरह उठ रहा है।
ग्रामवासियों का कहना है कि इज्ज़त घर बनवाना मौत को दावत देने के बराबर है। नदी के किनारे से बालू और सबसे थर्ड क्वालटी ईट जिसको पीली ईट कहा जाता है, उसी से निर्माण कराया जा रहा है। और तो और ग्राम प्रधान द्वारा बालू और ईट गांव के किसी भी किनारे गिरा दिया जाता है। उसे वहाँ से लाभार्थी द्वारा ढुलाया जाता हैं। कुछ परिवार गांव में ऐसे भी होते हैं, जिसके घर महिला के अलावा छोटे-छोटे बच्चे होते हैं। उन पर भी ग्राम प्रधान व अधिकारी तरस नहीं खातें हैं।