‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ : पीएम मोदी ने सरदार पटेल को लेकर कही ये बड़ी बातें

नई दिल्ली : सरदार पटेल की 143वीं जयंती पर आज पीएम मोदी ने गुजरात में बने उनके 182 मीटर ऊंचे विशाल ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का लोकार्पण किया। सरदार पटेल की ये प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के लोकार्पण के अवसर पर मोदी के साथ गुजरात के सीएम विजय रुपाणी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहे। इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित भी किया।

पीएम ने कहा कि कितने ही मतभेद क्यों ना हो, लेकिन प्रशासन को कैसे सुशासन के रूप में चलाया जाता है वह पटेल साहब ने हमें सिखाया है। सरदार सहब ने संकल्प ना लिया होता तो कल्पना करके देखो तो आज गीर के शेरों को देखने व शिवभक्त को सोमनाथ मंदिर व हैदराबाद की चारमीनार को देखने के लिए हमे वीजा लेना पड़ता।


सरदार साहब ने कहा था कि हमें पूरी ईमानदारी के साथ भारतीय सिविल सर्विस का गौरव बढाना है. उन्होंने स्लीट फ्रेंम का इस्तेमाल किया. उन्हें उस वक्त देश का गृह मंत्री बनाया गया था जो सबसे मुश्किल क्षण था. उन पर देश की व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने का जिम्मा था. उन्होंने देश को उन मुश्किलों से बाहर निकाला. आधुनिक पुलिस व्यवस्था के लिए ठोस आधार तैयार किया। देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोडने के लिए वे हमेशा प्रयास करते रहे. महिलाओं को भारतीय राजनीति में सक्रीय योगदान देने के लिए भी सरदार साहब का योगदान रहा. जब महिलाएं पंचायतों तक में हिस्सा नहीं ले सकती थीं तब सरदार साहब ने उस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई थी.

पीएम ने कहा कि वो सरदार साहब ही थे जिनके कारण मौलिक अधिकार हमारे लोकतंत्र का प्रभावी हिस्सा है. उनके पुरूषार्थ का यह जीता जागता उदाहण है. यह प्रतिमा उनके साहस का परिणाम तो है ही साथ ही यह न्यू इंडिया की भी अभिव्यक्ति है. प्रतिमा पर सवाल उठाने वालों को जवाब देना है कि यह देश साश्वत था है और रहेगा. यह देश के उन किसानों के स्वाभीमान का प्र​तीक है जिनकी खेत की ​माटी से इसी नींव बनी और हर चुनौती से टकराकर अन्न पैदा करने की भावना इसकी आत्मा बनी. यह आदिवासियों के उस योगदान का स्मारक है जिन्होंने आजादी के आंदोलन से लेकर देश की विकास यात्रा में अपना योगदान दिया है. यह बुलंदी भारत के युवाओं को याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आकांक्षाओं का है जो इतनी ही विराट है.

पीएम ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत. स्टेच्यु आॅफ युनिटी बनाने में हजारों शिल्पकारों ने मिशन मूड पर काम किया है. देश के गणमान्य शिल्पकारों की अगुवाई में कला के इस गौरवशाली स्मारक को पूरा किया है. मन में मिशन की भावना, देश के प्रति समर्पण का ही पल है जो इतने कम समय में यह काम पूरा हो गया है. सरदार सरोवर डैम का शिलान्यास कब हुआ और उसका दशकों बाद उदद्याटन हुआ यह तो हो गया. इस महान कार्य से जुडे हर कारीगर, हर इंजीनियर, हर किसी का मैं आदर पूर्वक अभिनंदन करता हूं और बधाई देता हूूं.

पीएम मोदी ने कहा कि साथियों आज यह सवार एक पडाव तक पहुंचा है उसकी यात्रा 8 वर्ष पहले आज के ही दिन शुरू हुई थी. 2010 मे अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबसे पहले रखा था. करोडों भारतीयों की तरह मेरेे मन में भाावना थी कि देश को एक करने वाले व्यक्तित्व को वह सम्मान मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है. मैं चाहता था कि यह सम्मान भी उन्हें उस किसान, उस कामगार के पसीने से मिले जिसके लिए सरदार पटेल ने जीवन भर संघर्ष किया. सरदार पटेल ने खेडा से सत्याग्रह शुरू किया था. आज का सहकार आंदोलन जो देश की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन गया है वह सरदार साहब की दूरगामी सोच का परिणाम है.


उन्होंने कहा कि इससे हजारों लोगों को सीधा रोजगार मिलने वाला है. आप सभी को प्रकृति ने जो सौंपा है वह अब आधुनिक रूप में आपके काम आने वाला है. जिन जंगलों के बारे में कविताओं के जरिए आपने पढा है उसे अब पूरी दुनिया देखने वाली है. सरदार साहब के दर्शन करने वाले वाले पर्यटक अब सतपुडा के दर्शन भी कर पाएंगे. गुजरात सरकार ने शानदार काम किया है. वे पर्यटन क्षेत्र विकसित कर रहे हैं. फूलों की घाटी इस स्मारक के आर्कषण को और बढाने वाली है. यहां एकता नसर्री बने जहां से लोग पौधे अपने घर ले जाएं और देश के नाम पर उसे अपने घर में बोए. पर्यटन यहां के जन जीवन को बदलने वाला है. यहां का पारंपरिक ज्ञान बहुत समृदृध रहा है.

यहां के चावल से बने उनामांडा, ढोका मांडा आदि ऐसेे पकवान है जो यहां के पर्यटकों को खूब भाएंगे. यहां बहुतायत में होने वाले पौधे, आयुर्वेद दवाएं आदि चिकित्सा के क्षेत्र में दिलस्पी रखने वालों को यहां तक खींच कर लाएगी. यह स्मारक आदिवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए शोध का केन्द्र बनेगा. देश के नायको को याद करने का अभियान सरकार ने शुरू किया है. यह हमारे संस्कार हैं, जिन्हें लेकर हम आगे बढ रहे हैं. सरदार पटेल की याद में दिल्ली में म्यूजियम बनाया है.

उन्होंने कहा कि 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाया जाना है, नेता जी के नाम पर सम्मान कार्यक्रम शुरू हुआ है. यह सब हमारी सरकार ने शुरू किया है लेकिन मैं हैरान हूं कि कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति के चश्मे से देखने की कोशिश कर रहे हैं. सरदार पटेल जैसे महापुरूषों की तारीफ करने पर हमारी आलोचना होती है. ऐसा अनुभव कराया जाता है जैसे हमने अपराध कर दिया है. क्या देश के महापुरूषों को याद करना अपराध है? हमारी कोशिश है कि भारत के हर राज्य के नागरिक सरदार पटेल के विजन को आगे ले जाने में अपनेे सामाथ्र्य का पूरा इस्तेमाल करना है.


पीएम ने कहा कि जो सपना सरदार साहब ने देखा था उसे देश पूरा कर रहा है. जन भागीदारी की मदद से अब देश में ग्रामीण स्वच्छता का दायरा 95 प्रतिशत तक पहुंच गया है. हमारे सारे प्रयास उनके सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं. हमने उन 18 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाई है जहां तक अब तक अंधेरा था. देश के हर गांव को सडक से जोडना, आॅटिकल फाइबर नेटवर्क और डिजिटल दुनिया से जोडने का काम हो रहा है. देश के हर घर में गैस का चूल्हा हो यह सुनिश्चित किया जा रहा है. सरकार ने दुनिया की सबसे बडी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का शुभारंभ किया है. भारत को आयुष्मान करने वाली योजना है. हमारा ध्येय मंत्र है सबका साथ सबका विकास. सरदार साहब ने रियासतों को जोडकर देश का ए​ककीकरण किया है वैसे ही हमारी सरकार ने जीएसटी के माध्यम से देश की आर्थिक एकता को मजबूत किया है

देश की एकता अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाएं रखना हमारा दायित्व है. हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की कोशिशों का पुरजोर जवाब दें. हमें हर तरह से सर्तक रहना है. समाज के तौर पर एकजुट रहना है. हमें प्रण लेना है कि सरदार के संस्कारों को पूरी पवित्रता के साथ आने वाली पीढियों में भी उतारेंगे. सरदार पटेल कहते थे, हर भारतीय को यह भूलना होगा कि वो किस जाति या वर्ग से है, उसे सिर्फ उसे यह याद रखना है कि वो भारतीय है और ​जितना इस देश पर अधिकार है उतने ही कत्वर्य भी है. एक बार फिर से स्टेच्यु आॅफ यूनिटी के सपने का साकार करने वाले हर किसी का अभिनंदन करता हूं. धन्यवाद देता हूं बधाई देता हूं. सरदार पटेल अमर रहे. देश की एकता जिंदाबाद.


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