नई दिल्ली : देश भर में बच्चों के होने वाले परीक्षाओं को लेकर आज पीएम मोदी ने बच्चों के साथ की परीक्षा पर चर्चा की। बच्चों के साथ परीक्षा पर चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कई महत्वपूर्ण सलाह दी। पीएम मोदी ने इस दौरान अभिभावकों को भी कई महत्वपूर्ण सलाह दी। पीएम ने कहा कि नॉलेज के पीछे दौड़िए, मार्क्स दौड़कर आएंगे।
पीएम ने कहा कि अभिभावकों और शिक्षकों को बच्चों के डिप्रेशन को हल्के में नहीं लेना चाहिए। डिप्रेशन या स्ट्रेस से बचने के लिए काउंसिलिंग से भी संकोच नहीं करना चाहिए, बच्चों के साथ सही तरह से बात करने वाले एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए। पीएम ने कहा कि समय को बर्बाद करना हमारी आदत बन गई है। बच्चों की बच्चों से तुलना करना ठीक नहीं है। तुलना से बच्चों पर बहुत फर्क पड़ता है। बच्चों को प्रोत्साहित करना जरूरी है। अभिभावकों का सकारात्मक रवैया, बच्चों की जिंदगी की बहुत बड़ी ताकत बन जाता है। आप नॉलेज के पीछे दौड़िए, मार्क्स दौड़कर आएंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि जब मन में अपनेपन का भाव पैदा हो जाता है तो फिर शरीर में ऊर्जा अपने आप आती है और थकान कभी घर का दरवाजा नहीं देखती है। मेरे लिए भी देश के सवा सौ करोड़ देशवासी मेरा परिवार है। जो सफल लोग होते हैं, उन पर समय का दबाव नहीं होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्होंने अपने समय की कीमत समझी होती है।
पीएम ने कहा कि लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुंच में तो हो, पर पकड़ में न हो। जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी। लक्ष्य हमारे सामर्थ्य के साथ जुड़ा होना चाहिए और अपने सपनों की ओर ले जाने वाला होना चाहिए। हर बच्चे की सकारात्मक चीजों को समझना आवश्यक है।