संदीप पांडेय की रिपोर्ट :
संतकबीरनगर : स्वास्थ्य विभाग की ओर से बच्चों को लगाए जा रहे रूबेला और खसरा के टीकाकरण अभियान में जिले के दो दर्जन मदरसे रोड़ा अटका रहे हैं। बच्चों को बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण टीम को मदरसों से बैरन वापस होना पड़ रहा है। मदरसा प्रबन्धकों की मनमानी से जहाँ जिले में टीकाकरण अभियान प्रभावित हो रहा है वही स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी को नजरअंदाज कर दो दर्जन मदरसे बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।
सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर और बीमारी से बचाने के लिए मजील्स रुबेला टीकारण अभियान की शुरुआत की है। 9 महीने से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चों को शारीरिक विकलांगता और मानसिक बीमारी से बचाने के लिए मिजिल्स रूबेला का टीका लगाया जा रहा है। जिले में चल रहे अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीकारण टीम स्कूलों में जाकर-जाकर बच्चों को टीका लगा रही है। बच्चियों के लिए यह टीका बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग के जागरूकता अभियान के बावजूद जिले के दो दर्जन मदरसे टीकाकरण अभियान में रोड़ा बन गए हैं।
इन मदरसों में बच्चों का टीका लगाने गयी टीम को बिना टीकाकरण कराये ही वापस कर दिया गया। प्रदेश में कुछ जगह रूबेला टीका लगने के बाद बच्चों की तबियत बिगड़ने की खबर का बहाना बनाकर इन मदरसों ने टीम को बैरन वापस कर दिया। मदरसे स्वास्थ्य विभाग से लिखित मांग रहे हैं। अब जिले के दो दर्जन मदरसों की मनमानी से टीकाकरण अभियान प्रभावित हो रहा है।
जिले के दो दर्जन मदरसों के मनमानी से सकते में आया स्वास्थ्य विभाग अब मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरूओं के सहारे इन मदरसों को जागरूक करने में जुटा है।