राघवेंद्र तिवारी की रिपोर्ट :
लखनऊ : ग्रामीण इलाकों में बने पशु आश्रय केंद्रों में रह रहे बेसहारा जानवरों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला मोहारीखुर्द गांव में निर्माणाधीन पशु आश्रय केंद्र का है। जहां शनिवार की सुबह केंद्र के बाहर कई गोवंशों के अवशेष मिलने से अफ़रा-तफ़री मच गई। ग्रामीणों द्वारा घटना की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने अवशेषों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा है। साथ ही प्रधान की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक गोसाईगंज थानाक्षेत्र के मोहारी खुर्द गांव में पशु आश्रय केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। यहां सवा सौ के करीब आवारा जानवरों को रखा गया है। गत् शनिवार की सुबह शौच के लिए जा रहे कुछ ग्रामीणों ने उक्त केंद्र के बाहर झाड़ियों और गड्ढों में गोवंशों के अवशेष पड़े देखे। उन्होंने इसकी सूचना अन्य ग्रामीणों के साथ ही पुलिस को दी। मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों ने पुलिस के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग उठाई। वहीं घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाने के बाद शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। थानाध्यक्ष अजय त्रिपाठी ने बताया कि ग्राम प्रधान राम नरायन की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जाँच की जा रही है। प्रधान राम नरायन के मुताबिक आश्रय केंद्र से कुल 9 गोवंश गायब हैं।
लोगों का आरोप हो रही थी तस्करी
मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस की मिलीभगत से इन केंद्रों में रह रहे बेसहारा जानवरों की तस्करी की जा रही है। लोगों की इस बात से पुलिस गश्त पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।