वागीश कुमार की रिपोर्ट :
सुलतानपुर : नकली शराब से हुई मौतों से जागी प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिलों में नकली शराब पर कार्यवाही तेज कर दी गयी है। जिला इस मामले में प्रदेश स्तर पर कहीं ज्यादा अगड़ा हुआ है, क्योंकि यहां पर संगम लाल जैसे नकली शराब के माफियाओं की संख्या अधिक है। जैसे लाइसेंसी हथियार मिल जाने पर अवैध असलहे पर शंका नहीं होती। शराब माफिया प्रदेश सरकार की सबसे ज्यादा आमदनी वाले विभाग पर जमकर नकली शराब बनाकर बेचने में कोई कोताही नहीं बरतते। किसी की जान जाए तो जाए लेकिन आमदनी कम नहीं होनी चाहिए। इस व्यवसाय में अगर आबकारी व पुलिस विभाग की भूमिका न हो तो नकली शराब बनाना बहुत मुश्किल होगा, लेकिन नजराने में वो दम होता है कि सब जायज मानकर खुली छूट दे दी जाती है, और छोटे लोगों पर कार्यवाही कर कोरम पूरा कर दिया जाता है।
आज जिले में तब लोगों की अंगुली दब गयी जब एसटीएफ की सक्रियता से कई हजार लीटर एल्कोहल पकड़ी गई, जो संगमलाल जैसे कई लोगों की पोल खोलती है। बड़े पैमाने पर एल्कोहल जिले में राजेश जायसवाल बड़े लाइसेंसी शराब व्यवसायी जिनको दूसरा संगमलाल फिलहाल कहा जा सकता है, जिनके इशारे पर मंगाया गया बड़े पैमाने पर एल्कोहल एक ढाबे पर बरामद किया गया है। जिले में अगर अभियान निष्पक्ष रूप बिना सफेदपोश व भ्रष्ट अधिकारियों के दबाव से चलाया जाए तो कई शराब माफिया पुलिस के हत्थे चढेगें, नकली शराब की जड़ मिलने पर भी बिना पूरी जांच किये खानापूर्ति कर मामला रफा दफा कर दिया जाता है, जिससे शराब माफियाओं पर कोई असर पड़ना मुश्किल होता है, क्योंकि उनके सफेदपोश आका व भ्रस्ट अधिकारियों को कोई और माफिया नजराना देकर वही गुल खिलाने लगता है। अगर शराब माफियाओं जो पुलिस के फंदे में आये हैं उनके काल डिटेल खंगाले जाय तो दूध का दूध और पानी का पानी बाहर आ जायेगा। फिलहाल लखनऊ एसटीएफ ने अपना काम कर दिया है, अब बारी आबकारी व पुलिस विभाग की है, कि इस व्यवसाय पर अंकुश लगाने हेतु बिना दबाव क्या कार्यवाही करती है?