संदीप पाण्डेय की रिपोर्ट
सिद्धार्थ नगर बुधवार को देर सांय स्थानीय क्षेत्र के फरेन्दा गांव में भारत रत्न बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पूरे बौद्ध रीति-रिवाज से स्थापित की गई। इस अवसर पर बौद्धाचार्य डा.जेपी बौद्ध ने उपस्थित लोगों को त्रिशरण एवं पंचशील ग्रहण कराया।उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए भारतीय बौद्ध महासभा के जिलाध्यक्ष केदारनाथ आजाद ने कहा कि बाबा साहब एक समाज सुधारक थे उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन देश के गरीबों, मजलूमों और नारियों के उत्थान में लगा दिये। वे झूठ, पाखंड और आडम्बर से जीवन भर संघर्ष करते रहे। हम सभी को उनके बताये हुए मार्ग पर चलना चाहिए।जिला सचिव जयकिशोर गौतम ने कहा कि बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा लगाकर सभी ग्रमीणों ने एक ऐतिहासिक कार्य किया है। मानव जीवन के उत्थान के लिए बाबा साहब ने तीन मूल मंत्र दिये कि शिक्षित बनो,संगठित रहो और संघर्ष करो। उनके मूलमंत्र को अंगीकार कर सभी लोग अपना व अपने समाज का विकास कर सकते हैं। जिला महासचिव राम मिलन गौतम ने कहा कि बाबा साहब ने 14 अक्टूबर 1956 को महाराष्ट्र के नागपुर में अपने दस लाख अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा लिया। उन्होंने दीक्षा लेकर भारत मे लुप्त हो चुके बौद्ध धर्म को पुनः जीवित किया। आज देश ही नही पूरे विश्व मे बौद्ध धर्म बहुत तेजी से फैल रहा है। इस अवसर पर वृजमोहन, दिल बहार, सुबाष, कल्लू बौद्ध, अनिल बौद्ध, सिद्धू बौद्ध, राम लखन, राममिलन, विजयकुमार, राम जियावन, रामलौटन, मौला, ध्रुपराज, राधेश्याम, रामजतन,नरसिंह, बुद्धेश राव, सहदेव, हीरालाल सहित काफी संख्या मे ग्रामीण मौजूद रहे।