दिलीप कुमार की रिपोर्ट :
बाराबंकी (दरियाबाद) : दरियाबाद क्षेत्र के अंतर्गत सराय शाह आलम में जुमा को जलसा ए दस्तार बंदी का शानदार समापन हुआ। इस मौके पर मौलाना हजरते मौलाना सय्यद मुकिर्रह्मान ने मां और बाप के हुक़ूक़ के बारे में और उनके साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए इस के बारे में जानकारी दी और कहा कि अगर माँ-बाप आप से नाराज हैं तो रोजा, नमाज, हज, जकात सब बेकार है। माँ के पैरों के नीचे जन्नत है और बाप जन्नत का दरवाजा है।
शायरे इस्लाम जमजम फतेहपुरी ने नबी की शान में नाते पढ़कर लोगो के दिलो में ईमान की ताजगी पैदा की। इनके अलावा बहुत से उलमाए इकराम तशरीफ़ लाए और अंत मे हजरत सय्यद शाह गुलजार मिया के हाथों से मोहम्मद अरमान,मोहम्मद आमिर,मोहम्मद जसीम,मोहम्मद सिराज,मोहम्मद आरिफ की दस्तार बंदी हुई।
जलसाए दस्तार बन्दी में तकरीबन दो हजार की संख्या में लोग शामिल रहे। इस मौके पर कारी दीन मोहम्मद, मौलाना मासूम रजा, कारी मुइनुद्दीन सय्यद एलतीफाक, मौलाना जावेद, हाफिज रियाज, कारी मुनीर,मौलना सुहैल, शाहआलम के साथ भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।