रिपोर्ट : बालमुकुंद रायक्वार
झांसी : एरच से निकली नदी बेतबा मैं इस समय बेखौफ होकर अवैध खनन किया जा रहा है । जानकारी के लिए बता दें कि एरच नगर की सीमा पर से बेतबा नदी निकली हुई है और जिसका स्वरूप कुछ समय पहले देखने लायक था । यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता यहां से निकलने वाले लोगों को यहाँ रुकने को मजबूर कर देती थी और लोग बेतबा नदी की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए दूर दूर तक से आते थे और बिदेसी लोग भी यहां पर घूमने के लिए आते थे।
क्योंकि एरच प्राचीन काल में हिरणाकश्यप की की नगरी थी जहाँ से होली की शुरुआत हुई थी। लेकिन कुछ समय पहले बालू माफियाओं की कुदृष्टि इस नदी की सुन्दरता पर पड़ी और इन बालू माफियाओं ने नदी की सुन्दरता को बिगाड़ने का काम शुरू कर दिया और देखते देखते बालू का अवैध खनन शुरू कर दिया और नदी की बालू बेचकर नदी में गहरे गहरे गड्ढे बना दिए और नदी का आकार बदल कर रख दिया और जब यूपी में सत्ता परिवर्तन हुआ और भाजपा की योगी सरकार आई तो बड़ी बड़ी बातें होने लगी और यह आदेश आने लगे की किसी भी कीमत पर अवैध खनन नहीं होने दिया जाएगा। प्रशासन किसी के दबाव में आकर काम नहीं करेगा और अभी कुछ समय पहले झांसी जिलाधिकारी द्वारा यह भी आदेश दिया गया था कि रात में खनन नहीं किया जाएगा चाहे किसी का बालू उठाने का पट्टा ही क्यों न हो और अवैध खनन के मामले में सरकार बड़े बड़े बादे कर रही है लेकिन उसके अपने अधिकारियों को इन आदेशों की धज्जियाँ उडाते हुए देखा जा रहा है।
इसका जीता जागता उदाहरण एरच की बेतबा नदी में देखा जा सकता है जहां से रात दिन पोकलैड मशीनों एवं पनडुब्बी (लिफ्टर) से अवैध खनन किया जा रहा है और यहां एक नहीं पूरी रात दिन में पचासों ट्रक बालू नदी से निकाली जा रही है । यहाँ नदी में सब्जियां लगाने बालों एवं आसपास खेती करने बालों से जब और ज्यादा जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि पूरी रात नदी में से बालू ढोई जा रही है पहले तो इन ठेकेदार बालू माफियाओं ने गरीब किसानों के बच्चों का निवाला छीन लिया और किसानों की खड़ी फसल पर पोकलैड मशीन चलाकर फसल को नष्ट कर दिया और खड़ी फसल को उखाड़ कर फेंक दिया और खड़ी फसल के स्थान पर रास्ता बना दिया और खड़ी फसल नष्ट करने पर जब इसकी शिकायत की गई तो प्रशासन ने भी खड़ी लहलहाती फसल को उखाड़ कर फेंकने बालों पर कोई कार्रवाई नहीं की। और लोगों ने बताया कि पनडुब्बियों द्वारा नदी में से बालू निकाली जा रही है और रात के अलावा दिन में भी यहां बेखौफ होकर नदी से बालू निकाली जा रही है। और इन अवैध खनन करने बालों को रोकने बाला कोई नहीं है या फिर यूं समझो कि इनको कोई रोकना नहीं चाहता है और यह खनन माफिया नदी का सीना चीरते हुए बेखौफ होकर नदी की बची हुई सुन्दरता को उजाड़ने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं और सासन व प्रशासन के लोग इनको रोकने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं और इमानदारी की मिसाल झांसी जिलाधिकारी एवं एस एस पी के अवैध खनन के मामले में दिन प्रतिदिन निर्देश के बावजूद भी उनके अपने लोग इन आदेशों की ओर बिलकुल भी ध्यान नहीं देते हैं और बेतबा नदी में बेखौफ अवैध खनन हो रहा है हद तो तब हो गई जब ये देखा गया कि पोकलैड मशीन एवं पनडुब्बी पर रोक होने के बाद भी यह बालू माफिया बेखौफ होकर सरकार के आदेशों की धज्जियाँ उड़ाते हुए कई मशीनें एवं कई पनडुब्बियों से बालू निकाल रहे हैं। क्या यह बालू माफिया पुलिस और प्रशासन से भी भारी पड़ रहे हैं जो इनको खनन करने से रोका नहीं जा रहा है कुछ लोगों का मानना है कि यह अवैध खनन सिस्टम में आकर किया जा रहा है तो क्या है यह सिस्टम क्या रोकने बाले भी इस काले कारनामें में शामिल है खैर जो भी हो लेकिन समय रहते अगर इस अवैध खनन पर डीएम साहब सख्त कदम नहीं उठा सके और उनके अधिकारियों ने उनके निर्देशों का पालन नहीं किया और एरच की बेतबा नदी में से ये अवैध खनन होता रहा और नदी की प्राकृतिक सुन्दरता को नष्ट करके नदी में गहरे गहरे गड्ढे होते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब एरच एवं आसपास के क्षेत्रों को किसी प्राकृतिक आपदाओं का शिकार होना पड़ सकता है अब देखना यह है कि क्या इस पर कोई रोक लगती है या फिर यू ही सिस्टम में आकर बेतबा नदी के प्राकृतिक सौंदर्य को नष्ट किया जाता है।