लखनऊ : यूपी में सरकार गठन के बाद से हीं सीएम योगी लागातार आक्रामक तेवर में नज़र आ रहे है और एक के बाद कई बड़े फैसले ले रहे है। सीएम योगी की नज़र ऐसे अधिकारियों पर टेढ़ी है, जो भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त हैं। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के क्रम में सीएम योगी ने एक और बड़ा फैसला लिया है, जिसने यूपी के अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। आईये बताते हैं कि पूरा मामला क्या है।
दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोमती रिवर फ्रंट परियोजना की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट में इसकी संस्तुति की गई थी। इतना ही नहीं न्यायिक जांच में दोषी मिले अफसरों के खिलाफ आपराधिक कृत्य की रिपोर्ट दर्ज कराने का फैसला भी किया गया है। योगी सरकार के इस सख्त रुख से अफसरों में खलबली मच गई है।
गोमती रिवर फ्रंट परियोजना के लिए सपा सरकार ने 1513 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। पिछली सरकार के कार्यकाल में ही 1437 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए। स्वीकृत बजट की 95 फीसदी राशि जारी होने के बावजूद 60 फीसदी काम पूरा न होने पर योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए। न्यायिक जांच में इस परियोजना को भ्रष्टाचार का पर्याय करार दिया गया।