लखनऊ : योगी सरकार की गुरुवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में कई अहम् प्रस्तावों को हरी झंडी मिल गई है, जिनमें प्रदेश में शिक्षकों के तबादले को लेकर नई तबादला निति को मंजूरी मिलना शामिल है। गौरतलब है कि यूपी में योगी सरकार के गठन के बाद से हर हफ्ते कैबिनेट मीटिंग की जा रही है और कई अहम् व बड़े निर्णय लिए जा रहे हैं।
नई नीति के तहत राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों का इस बार ऑनलाइन ट्रांसफर होगा। शिक्षकों को तबादले के लिए विभागीय वेबसाइट पर आवेदन करना होगा। इसमें उन्हें तीन विकल्प देने होंगे। तीन श्रेणियों में जिलों को बांटकर डिग्री कॉलेजों को विभाजित किया गया है। यह नीति प्रदेश के 158 डिग्री कॉलेजों के करीब दो हजार शिक्षकों पर प्रभावी होगी।
यूपी कैबिनेट ने किसानों की कर्जमाफी को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत कर्जमाफी की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन वेब पोर्टल के जरिए संपन्न होगी। बैंक इस पोर्टल पर सभी लघु एवं सीमांत किसानों की सूची उपलब्ध कराएंगे।पोर्टल पर किसानों द्वारा विभिन्न बैंकों से लिए गए कर्ज की जानकारी होगी। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी कमेटी पात्र लाभार्थियों का चयन करकेएक लाख रुपये तक की रकम संबंधित बैंकों को उपलब्ध कराएगी।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले निर्धन लोगों को मुफ्त मकान मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार हुडको से 3000 करोड़ का लोन लेने का फैसला किया है। इस धनराशि से ही प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत गरीबों के लिए मकान बनाए जाएंगे।केंद्र सरकार की इस योजना के तहत 9,70,108 मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए 4656.5184 करोड़ रुपये की जरूरत को पूरा करने के लिए ही सरकार ने हुड़को से कर्ज लेने का फैसला किया है। इससे संबंधित ग्राम्य विकास विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट ने शहरी बीपीएल परिवारों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन देने का फैसला किया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि जिस तरह से बीपीएल परिवारों को मुफ्त में एलपीजी गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं, उसी तरह से शहरी बीपीएल परिवारों को बिजली कनेक्शन की सुविधा भी दी जाएगा। प्रदेश में लगभग 1 करोड़ 20 लाख शहरी बीपीएल परिवार हैं, जिन्हें इस फैसले का लाभ मिलेगा।
कैबिनेट ने पिछड़े वर्ग के शिक्षित बेरोजगारों को ओ लेवल प्रशिक्षण की सुविधा के साथ ट्रिपल सी कोर्स जोड़े जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके लिए ओ-लेवल कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना नियमावली-2007 में द्वितीय संशोधन कर नियम-5,6, 7 और 10 में संशोधन किया जाएगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, प्रशिक्षण के लिए प्रवेश हर साल जुलाई और जनवरी में दिया जाएगा। केंद्र सरकार की अधिकृत संस्था नीलिट से मान्यता प्राप्त कार्यरत संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी आवेदन पत्रों के आधार पर लाभार्थियों का चयन ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर करेंगे।
कैबिनेट ने वर्ष 2017-18 के आम बजट को मंजूरी दे दी है। यह योगी सरकार का पहला बजट होगा। सूत्रों के अनुसार, इसका आकार 3.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का होगा। इसमें किसानों की कर्जमाफी और कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के भुगतान की व्यवस्था के अलावा लोक कल्याण संकल्प पत्र में शामिल प्राथमिकताओं को भी शामिल किया गया है।
कैबिनेट ने विधायक निधि ने विधानमंडल क्षेत्र में होने वाले कामों को कराने के लिए गाइडलाइंस बनाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी है। इसके तहत विकास निधि के काम अब राज्य सरकार की अधिकृत कार्यदायी संस्थाएं ही कर सकेंगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह प्रस्ताव ग्राम्य विकास मंत्रालय के माध्यम से लाया गया था। 21 नवंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइंस तय करने के निर्देश दिए थे। इस बाबत जल्द ही एक नियमावली जारी कर दी जाएगी। विकास निधि के नोडल अधिकारी सीडीओ होंगे। योजना में 25 लाख से ज्यादा के कोई भी काम स्वीकृत नहीं किए जा सकेंगे।
रायबरेली व फिरोजाबाद में 400 केवी क्षमता के नए ट्रांसमिशन उपकेंद्रों के निर्माण को सरकार की हरीझंडी मिल गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में दोनों उपकेंद्रों के निर्माण को मंजूरी दे दी गई। पावर फार ऑल के एजेंडे के तहत अगले साल से पूरे प्रदेश में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए रायबरेली व फिरोजाबाद में 400 केवी उपकेंद्र व उससे संबंधित लाइनों के निर्माण का फैसला किया गया है।
कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 की धारा 58(5) के तहत उत्तर प्रदेश कर्मचारी राज्य बीमा मेडिकल सेवा सोसाइटी का गठन किया जाएगा। इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। सोसाइटी गठन के बाद 1/8 राज्यांश के रूप में देय राशि अब शत प्रतिशत निगम द्वारा देय होगी। इससे राज्य सरकार को अगले तीन वर्षों में लगभग 67.19 करोड़ रुपये की अनुमानित बचत होगी। सोसाइटी के नियंत्रण निकाय एवं कार्यकारी निकाय पर राज्य सरकार का पूरा नियंत्रण होगा। इसमें ट्रेड यूनियनों एवं श्रमिक संघों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग में पहले चरण में सरप्लस शिक्षकों का समायोजन एवं किया जाएगा। भारतीय सेना, वायुसेना, नौ सेना के साथ अर्द्धसैनिक बलों में तैनात सैनिकों की शिक्षक पति या शिक्षिका पत्नी और कैंसर, एड्स, किडनी, लीवर जैसे गंभीर रोग से ग्रस्त शिक्षकों को सरप्लस नहीं माना जाएगा। कैबिनेट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग की स्थानांतरण नीति को मंजूरी दे दी।