नई दिल्ली : सरदार पटेल की 143वीं जयंती पर आज पीएम मोदी ने गुजरात में बने उनके 182 मीटर ऊंचे विशाल ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का लोकार्पण किया। सरदार पटेल की ये प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के लोकार्पण के अवसर पर मोदी के साथ गुजरात के सीएम विजय रुपाणी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहे।
प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को सलामी दी। एयरफोर्स के तीन विमानों ने प्रतिमा के पास उड़ान भरी और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरा। इससे पहले पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास टेंट सिटी और वैली ऑफ फ्लोवर्स’ का उद्घाटन किया।
‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की ख़ास बातें :
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है और यह महज 33 माह के रिकॉर्ड कम समय में बनकर तैयार हुई है। इसका निर्माण 19 दिसंबर, 2015 को शुरू किया गया था।
- यह मूर्ति 182 मीटर ऊंची है।
- यह चीन में स्थित स्प्रिंग टेंपल की बुद्ध की प्रतिमा (153 मीटर) से भी ऊंची है और न्यूयॉर्क में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी ऊंची है।
- इस मूर्ति का निर्माण 2,989 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है।
- कांसे की परत चढ़ाने के एक आशिंक कार्य को छोड़ कर इसके निर्माण का सारा काम देश में किया गया है।
- यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- स्टैचू के नीचे एक म्यूजियम भी तैयार किया गया है जहां पर सरदार पटेल की स्मृति से जुड़ी कई चीजें रखी गई हैं।
- इस मूर्ति में दो लिफ्ट लगी हुई हैं जिनके जरिए सरदार पटेल की छाती पहुंच सकेंगे और सरदार सरोवर बांध का नजारा देख सकेंगे, इतना ही नहीं खूबसूरत वादियों का भी मजा ले सकेंगे।
- सरदार की मूर्ति तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए पुल और बोट की व्यवस्था की जाएगी।
- यह स्टैच्यू 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं में भी स्थिर खड़ा रहेगा और 6.5 तीव्रता के भूकंप को सहन कर सकता है।