लखनऊ : अयोध्या में 25 नवम्बर को आयोजित होने जा रहे धर्म संसद से पहले योगी सरकार ने विश्व हिन्दू परिषद् को तगड़ा झटका दिया है। एक तरफ जहाँ सीएम योगी आदित्यनाथ ने वीएचपी के कार्यक्रम को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं, वहीँ इस कार्यक्रम से बीजेपी बचती हुई नज़र आ रही है। योगी सरकार के एक मंत्री ने इसे विहिप का कार्यक्रम बताया है और कहा है कि अगर सहयोग माँगा जायेगा, तो विचार किया जायेगा।
बाराबंकी जनपद में राजकीय इंटर कॉलेज के आडिटोरियम में आयोजित गरीब जोड़ों के सामूहिक विवाह समारोह में आए उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री (समाज कल्याण) रमापति शास्त्री ने 25 नवंबरर को अयोध्या में विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित धर्म संसद कार्यक्रम के बारे में कहा कि 25 नवंबर का कार्यक्रम वीएचपी का है, इन कार्यक्रम से हमारा कोई लेनादेना नहीं। लेकिन इस कार्यक्रम के लिए उनसे कोई सहयोग मांगा जाता है तो वह विचार करेंगे।
रमापति शास्त्री पहले तो राम मंदिर मुद्दे पर जवाब देने से बचते नजर आए मगर बहुत कुरेदे जाने पर उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर तो पहले से ही है। अब उसे भव्य और दिव्य बनाने का काम जनता को करना है। वैसे यह मामला न्यायालय में भी चल रहा है। 25 नवंबर को अयोधया में आयोजित धर्म संसद कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम भाजपा का नहीं है। इस कार्यक्रम के बारे में वही जानें। जब मंत्री से पूछा गया कि क्या आप इस कार्यक्रम में आरएसएस और वीएचपी का सहयोग करेंगे तो उन्होंने कहा कि अगर हमसे सहयोग मांगा गया तो हम विचार करेंगे।
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