चंद्रकांत तिवारी की रिपोर्ट :
कानपुर : युवाओं को गलत रास्ते पर जाने से रोकने के लिये रविवार को एक बड़ा एक्शन लिया गया। अपर जिला मजिस्ट्रेट की अगुवाई में पांच सरकारी महकमों ने संयुक्त रूप से एक ऐसे ठिकाने पर छापामार कार्यवाही की, जहाँ बड़े घरों के बिगड़ैल बच्चों से पैसे ऐंठकर उन्हें अय्याशी के साधन मुहैया कराये जाते थे। रेस्टोरेंट की आड़ में ‘‘रेव पार्टी’’ का यह अड्डा शहर में बेहद पाॅश इलाके सिविल लाईन्स में चलाया जा रहा था।
दि एच0क्यू0, यह नाम किसी महकमे के मुख्यालय का नहीं है बल्कि ये एक ऐसा हेडक्वार्टर है, जहाँ पैसे वालों के बच्चों को गलत रास्ते पर “पहला कदम” चलना सिखाया जाता है। हेडक्वार्टर नामक इस रेस्टोरेण्ट पर जब पांच सरकारी विभागों ने एक साथ छापा मारा, तो वहां शराब और शवाब का वो दौर चलता मिला कि सभी दंग रहे गये। यहाँ लगभग सत्तर से अधिक युवा जोड़े मिले, जिन्हें फ्रेण्डशिप डे मनाने के लिये यहाँ लाया गया था, लेकिन दोस्ती की मर्यादा तार- तार हो रही थी।
नगर के वीआईपी रोड पर यह रेस्टोरेंट कुछ दिन पहले ही खोला गया था और जल्दी ही इसका क्रेज युवाओं में जबरदस्त बन गया था। आज रेस्टोरेंट संचालक ने एक दिन का अस्थायी बार लाईसेन्स लिया था, लेकिन प्रशासन को गुमराह कर वहाॅ ‘‘रेव पार्टी’’ आयोजित की गयी। सूरज चढ़ने के साथ यहाँ जाम के दौर चलने लगे। राज्य सरकार द्वारा पूर्णतया प्रतिबन्धित हुक्का भी मुहैया कराया गया और नशे के वे सभी साधन जिनकी इजाजत कानून नहीं देता है। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जिला प्रशासन ने इस रेव पार्टी को लेकर इलाके के ग्वालटोली थाने की भूमिका संदिग्ध पायी। यही वजह रही कि जब “दि हेड क्वार्टर” पर छापा मारा गया तो इलाकाई पुलिस को इसकी भनक भी नहीं लगने दी गयी।
हालाँकि तमाम परिवारों की इज्जत बचाने के लिये देर शाम लड़कियों को घर जाने की इजाजत दे दी गयी, लेकिन उनके पुरूष मित्रों के नाम पुलिस ने अपने रिकार्ड पर दर्ज किये। अब रेस्टोरेण्ट संचालक पर जिला प्रशासन, पुलिस, आबकारी, तम्बाकू निषेध और खाद्य सुरक्षा विभाग अलग अलग अधिनियमों के तहत कार्यवाही करेगा। यह बात और है कि रेव पार्टी करने वालों से चुपचाप मलाई खाने वाले इलाकाई थाने के पुलिसकर्मी बचे रहेगें।
छापेमारी की इस प्रक्रिया में पुलिस और जिला प्रशासन एक बड़ी चूक कर बैठा। उसने लड़कियों को घर जाने की इजाजत तो दे दी लेकिन उनकी सुरक्षा के उपाय नहीं किये। यही वजह रही कि रेस्टोरेण्ट से बाहर निकलते समय तमाशबीन लोग मोबाईल फोनों पर उनका वीडियो बनाते रहे और कुछ शोहदों ने उनके वस्त्र तक खींचे। इन हरकतों पर पुलिस मौन दर्शक बनी रही जिसे ‘‘शर्मनाक’’ ही कहा जायगा।