राकेश मौर्या की रिपोर्ट :
बहराइच : बहराइच में प्राईवेट अस्पतालों की भरमार है। जिले के आलाकमान उच्च अधिकारियों की सांठ-गाँठ से खुलेआम प्राईवेट् नर्सिंग होम की दूकान धड़ल्ले से चल रही है। जिला अस्पताल और सरकारी नौकरी कर रहे डॉक्टर गरीब मरीज़ों को अपने नर्सिंग होम पर बुलाकर उनका दिवाला निकाल रहे हैं। बहराइच में बहुत से डॉक्टर है, जो अपना प्राईवेट् नर्सिंग होम जिला चिकित्सा अधिकारीयों के साथ सेटिंग करके चला रहे हैं।
बच्चों के डॉक्टर डा०अजय कुमार तिवारी जो गोण्डा में जॉइंट डायरेक्टर हैं, अपनी रसूख व पहुँच के कारण बहराइच में रहकर शासन नाक तले अपना अस्पताल, जिला अस्पताल के सामने ही चला रहे हैं। बहराइच जिला अस्पताल में सर्जन के तौर पर तैनात डॉ मलिक जो अपना प्राइवेट अस्पताल त्रिमुहानी रोड पर धड़ल्ले से चला रहे हैं।
गरीबों की बात करने वाली योगी सरकार के दो मंत्रियों का बहराइच में निवास है, बावजूद इसके डॉक्टरों की मनमानी जारी है, जिसका खामियाज़ा गरीब किस्म के मरीज़ों को उठाना पड़ता है। जिला अस्पताल के मरीज़ों ने बताया कि डा0 तिवारी और डा0 मालिक की प्राइवेट फीस 400 रूपये है, जो हमारी पहुँच से बाहर है, लेकिन मजबूरी में इलाज कराना पड़ता है। एक बार डॉक्टर अपने नर्सिंग होम में भर्ती कर लेते है, उसके बाद लाखों का बिल बनाते है। ऐसे डॉक्टरों पर आखिरकार कब कार्यवाही होगी ? ये एक बड़ा सवाल है।