अभिनन्दन की वापसी को लेकर दुनिया भर में हो रही है पीएम मोदी की तारीफ

नई दिल्ली : भारत के सख्त तेवर को देखते हुए पाकिस्तान ने 24 घंटे के अंदर भारतीय विंग कमांडर को छोड़ने का एलान कर दिया, जिसे मोदी सरकार की एक और कूटनीतिक सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। न सिर्फ भारत में अभिनन्दन की वापसी को लेकर पीएम मोदी की तारीफ हो रही है, बल्कि दुनिया भर के मीडिया में इस काम को लेकर पीएम मोदी की जमकर तारीफ हो रही है।

ब्रिटेन के अखबार द गार्जियन ने लिखा है कि इमरान खान का भारतीय पायलट अभिनंदन वर्तमान को रिहा करने का एलान काफी आश्चर्यजनक है। जिसके बाद पाकिस्तान भारत पर दबाव बनाएगा जिससे तनाव कम हो। लेकिन जब तक पाकिस्तान यह स्वीकार नहीं कर लेता कि वह अपनी जमीन पर मौजूद आतंकी संगठनों पर कार्रवाई कर रहा है, तब तक भारत अपनी कार्रवाई जारी रख सकता है। यही वह मुद्दा है जिसके चलते बीते दो दिन में परमाणु शक्ति से लैस दोनों देश युद्ध की कगार पर खड़े हो गए हैं।

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि कुछ पर्यवेक्षकों का मानना है कि अधिकतर भारतीय खास तौर पर पीएम मोदी के रूढ़िवादी हिंदू राजनीतिक समर्थक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दूसरे प्रस्ताव को मानने में के पक्ष में नहीं थे। इमरान के इस प्रस्ताव का उद्देश्य मोदी को तनाव कम करने के लिए वार्ता करने के लिए रजामंद करना था।

अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा कि परमाणु शक्ति संपन्न भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से सैन्य मुठभेड़ें जारी हैं। हालांकि पाकिस्तान अब लड़ाई को टाल रहा है। गुरुवार को पाकिस्तान संसद में इमरान खान ने शांति के संदेश के तहत भारतीय पायलट को रिहा करने की घोषणा की। उनके फैसले से उपमहाद्वीप में तनाव कम होगा।

अमेरिकी समाचार संस्थान सीएनएन ने लिखा है कि जब दो बड़े देशों के बीच लड़ाई होती है तो लोगों के अंजाम भुगतने की संभावना ज्यादा होती है। यह बात कुछ समय पहले पाकिस्तान में चुनकर सत्ता में आए इमरान खान और भारत में हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी ने नेता नरेंद्र मोदी दोनों महसूस कर रहे हैं।

पाकिस्तान के अखबार डॉन ने लिखा है कि यह नरेंद्र मोदी का सोच-समझकर खेला गया जुआ है। वे मानते हैं कि उनका दुनिया में असर बढ़ रहा है। जिसके चलते भारत इस तरह का खतरा मोल ले सकता है। पाकिस्तान के समक्ष यह गंभीर चुनौती है कि वह किस तरह आगे की रणनीति तय करे। पाकिस्तान बातचीत के जरिए समस्या का समाधान करना चाहता है। लेकिन दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव के चलते यह सवाल खड़ा हुआ है कि क्या पाकिस्तान वाकई ऐसा करने में कामयाब हो पाएगा?

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