नई दिल्ली : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली करारी हरा के बाद जहाँ पार्टी आलाकमान ने नतीजों की समीक्षा करनी शुरू कर दी है, वहीँ 2019 के चुनावों के मद्देनज़र अपनी रणनीति तेज़ कर दी है। पांच राज्यों में हुए चुनाव में बीजेपी की हजार की प्रमुख वजहों में किसानों की नाराज़गी भी शामिल है, जिससे सबक लेते हुए बीजेपी अब इन्हें मनाने की कोशिशों में जुट गई है।
जी हाँ, माना जा रहा है कि मोदी सरकार द्वारा जल्द हीं किसानों की कर्जमाफी का ऐलान किया जा सकता है। फरवरी में पेश होने वाले बजट में किसानों के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा होने की संभावना है। सरकार लोकलुभावन घोषणाएं करने जा रही है, ताकि इसका फायदा पार्टी को मई 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में मिल सके।
सरकार अब देश भर के 26.3 करोड़ किसानों और उनके आश्रितों द्वारा लिए गए विभिन्न सरकारी बैंकों से लिए गए कर्ज को माफ करने की योजना पर काम कर रही है। कर्ज माफ होने की कुल रकम 56.5 बिलियन डॉलर (5650 करोड़ डॉलर) है, जो कि भारतीय रिजर्व बैंक के पास मौजूद 9.6 लाख करोड़ से काफी ज्यादा है।
भाजपा की केंद्र में पिछले साढ़े चार सालों से सरकार है। इस दौरान किसानों की आय बढ़ने के बजाय घटती गई। वहीं खेती से होने वाली पैदावार भी सितंबर में खत्म हुई तिमाही में 5.3 फीसदी से घटकर केवल 3.8 फीसदी रह गई। उपज कमजोर होने के साथ ही किसानों की आय पर भी प्रभाव पड़ा है। किसानों की आय में गिरावट होने से गांव-देहातों में उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री भी काफी कम हो गई है।
सरकार 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेगी। इस दौरान हो सकता है वित्त मंत्री अरुण जेटली अपना फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर, घर, रेलवे और सड़कों पर कर लें। इसके साथ ही सब्सिडी में बढ़ावा और टैक्स की दरों में और कमी की जा सकती है, जिससे आम लोगों को राहत मिल सके।