नई दिल्ली : अगर आप प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं, तो ये खबर आपके लिए है। जी हाँ, प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों को मोदी सरकार खुशखबरी देने का प्लान बना रही है। खबर है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार इस मामले में बड़ा एलान कर सकती है, जिसका सीधा लाभ देश के प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले करोड़ों लोगों को मिलेगा।
दरअसल सूत्रों के अनुसार सरकार इस साल के अंत तक ग्रेच्युटी मिलने की समय सीमा को घटाने की तैयारी कर रही है। अभी किसी भी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी को 5 साल की नौकरी पर ग्रेच्युटी मिलने का प्रावधान है। अब इस समय सीमा को घटाकर तीन साल करने की तैयारी चल रही है। सूत्रों के अनुसार इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है और लेबर मिनिस्ट्री ने इंडस्ट्री से इस पर राय मांगी है। मंत्रालय इस पर इंडस्ट्री की राय जानना चाहता है कि ऐसा करने पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा ? साथ ही इसे लागू किया जाता है तो क्या दिक्कत आ सकती है ?
आपको बता दें कि ग्रेच्युटी कर्मचारी के वेतन यानी सैलरी का वह हिस्सा है, जो कंपनी या आपका नियोक्ता, यानी एम्प्लॉयर आपकी सालों की सेवाओं के बदले देता है। ग्रेच्युटी वह लाभकारी योजना है, जो रिटायरमेंट लाभों का हिस्सा है और नौकरी छोड़ने या खत्म हो जाने पर कर्मचारी को नियोक्ता द्वारा दिया जाता है।
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