हरदीप छाबड़ा की रिपोर्ट :
राजनांदगांव : जिले के सांसद के प्रयासों से केन्द्रीय विद्यालय राजनांदगांव में कक्षा पहली के लिये अतिरिक्त 40 बच्चों को प्रवेश की अनुमति मिला था, लेकिन इस प्रवेश प्रक्रिया को बहुत ही गुप्त रखकर ऑफ लाईन भर्ती लिये जाने की सूचना मिलने के बाद पैरेट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने इस संबंध में आपत्ति जताई थी कि प्रवेश के संबंध में आम जनता के सुविधा के लिये कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया न कोई जानकारी इच्छुक पालकों के लिये सार्वजनिक किया जा रहा है। पूरे प्रक्रिया को बहुत ही गोपनीय तरीके के अपनाया जा रहा है और कुछ खास लोगों को लाभ पहुँचाने की नियत से ऑफ लाईन फार्म कुछ खास लोगों से भरवाये जा रहे है।
केन्द्रीय विद्यालयों में भर्ती ऑन लाईन लिये जाते है, लेकिन पूरे भारत में सिर्फ राजनांदगांव जिले में अतिरिक्त 40 सीटों के लिये भर्ती ऑफ लाईन लिये जा रहे है जो समझ से परे है। पॉल ने केन्द्रीय विद्यालय से प्रवेश की जानकारी की मांग की थी, लेकिन केन्द्रीय विद्यालय ने उन्हें इस संबंध में जब कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाया, तो पॉल ने इसकी लिखित शिकायत प्रधानमंत्री से की। उनके शिकायत को गंभीरता से लेते हुये प्रधानंमत्री कार्यालय ने अब जांच के आदेश दिये है। सचिव, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, भारत सरकार, शास्त्री भवन, नई दिल्ली को इस संबंध में जांच के लिये जांच अधिकारी नियुक्ति किया गया है।
केन्द्रीय विद्यालयों में ऑफ लाईन भर्ती की नई परंपरा जो सिर्फ राजनांदगांव जिले में आरंभ किया गया है, इससे भ्रष्ट्राचार की बू आना लाजमी है। एक अच्छी पहल को जिम्मेदार अधिकारियों ने संदेह के घेरे में रखकर न सिर्फ जिले के सांसद वरन केन्द्रीय विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्था को भी नहीं छोड़ा।
वीवीआईपी जिला राजनांदगांव में गरीब बच्चों को उनका शिक्षा का मौलिक अधिकार नहीं मिल रहा है, जो चिंता का विषय है। आरटीई भर्ती हो या केन्द्रीय विद्यालय सभी जगह गरीबों के साथ अन्याय हो रहा है। गरीबों बच्चों को उनका शिक्षा का मौलिक अधिकार मिलना चाहिये, जिसके लिये मैं सदैव लड़ता रहूंगा : क्रिष्टोफर पॉल, प्रदेश अध्यक्ष-छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन