नई दिल्ली : मध्यप्रदेश में 15 साल के बाद सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस सरकार की कमान कमलनाथ के हाथों में है। एक तरफ जहाँ कमलनाथ सरकार द्वारा पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के आदेशों को पलटा है, वहीँ 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र ऐसे फैसले लिए जा आरहे है, जिससे लोगों के बीच पैठ बनायीं जा असके। इसी क्रम में अब कमलनाथ सरकार ने साधू-संतों को खुश करने के लिए बड़ा एलान किया है।
दरअसल कमलनाथ सरकार ने साधू-संतों को खुश करने अध्यात्म विभाग के गठन का एलान किया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने अध्यात्म विभाग के गठन की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशन के लिए भेज दी। ‘अध्यात्म विभाग’ में नर्मदा न्यास, ताप्ती, मंदाकिनी और क्षिप्रा नदी के न्यास का गठन, मध्यभारत गंगाजली निधि न्यास, पवित्र नदियों को जीवित इकाई बनाने के संबंध में कार्रवाई, राम वनगमन पथ में पड़ने वाले अंचलों का विकास सहित धर्मस्व और आनंद विभाग के अधीन आने वाले सभी विभाग काम करेंगे।
कमलनाथ द्वारा अध्यात्म विभाग गठित करने के निर्णय के बाद अब मूर्त रूप दिया गया है। इसमें धार्मिक न्यास और धर्मस्व व आनंद विभाग को मिलाया गया है। ये विभाग भारत और प्रदेश की मिश्रित संस्कृति के विकास के लिए काम करेगा। विभाग के अंतर्गत वे सभी अधिनियम और नियम भी आएंगे, जो धर्मस्व विभाग के अधीन आते हैं।