राजेश यादव की रिपोर्ट :
रायबरेली : गर्मी के प्रारंभ होने के बावजूद मुख्य चौराहों पर लगे इंडिया मार्का नालों की हालत दयनीय है, जिसको देखकर सहज हीं अंदाजा लगाया जाए सकता है कि सरकार के आदेशों को अधिकारियों द्वारा पलीता लगाया जा रहा है।
दरअसल ऊंचाहार ब्लॉक के अन्तर्गत बीकरगढ चौराहा है, जहां पर सलोन से ऊंचाहार राजमार्ग होने पर राहगीरों से लेकर स्कूली बच्चों तक का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन इस चौराहा पर लगा इंडिया मार्का नल जमीन मे धंसा हुआ है, जहां प्यास बुझाने के लिये अन्य संसाधन नही है। वहीँ पास के होटल संचालक अपने यहां कुछ खरीद करने के बाद ही अपने घर के अंदर में लगवाये गये नल का पानी देते हैं, अन्यथा नही। यहां पर समाजसेवियों से लेकर राजनीतिक दलों के लोगों के द्वारा प्याऊ कैंप तक नही लगवाया जाता है।
दूसरा चौराहा कलेह है, जहां पर भी हालत पहले मामले की तरह हीं है। तीसरा मामला सलीमपुर का है, जहां इंडिया मार्कानल तो लगा है लेकिन उसके पार्ट्स वर्षों से गायब है। ये मामले तो एक बानगी है, जबकि हकीकत ये है कि अधिकांश चौराहों की हालत कमोबेश ऐसी हीं है, जबकि मुख्यमंत्री का सख्त आदेश है कि एक सप्ताह मे खराब इंडिया मार्का नल न दुरूस्त हुए तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाये। इस मामले में डीएम ने भी संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है, बावजूद इसके निर्देशों पर अमल होता नज़र नहीं आ रहा है।