एससी-एसटी एक्ट पर पूर्व DGP के खुलासे से बैकफुट पर मायवती, मामले में नया मोड़

लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी एक्ट में किये गए बदलाव को लेकर जारी राजनीतिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रही है। इस मामले को लेकर दलितों द्वारा किये गए भारत बंद को बसपा सुप्रीमों मायावती ने समर्थन दिया था और केंद्र की मोदी सरकार को दलित विरोधी करार दिया था। लेकिन अब इस मामले को लेकर मायावती खुद बेनकाब हो गई है। यूपी के पूर्व डीजीपी और अब बीजेपी प्रवक्ता बृजलाल द्वारा किये गए खुलासे ने इस मामले में मायावती को बेकफूट पर ला दिया है।



दरअसल पूर्व डीजीपी और अब बीजेपी प्रवक्ता बृजलाल ने मायावती को लेकर जो खुलासे किये हैं, उनके मुताबिक बसपा सरकार के दौरान मायावती ने खुद ये माना था कि एक्ट का बेकसूर लोगों के खिलाफ दुरुपयोग किया जा रहा है। वहीँ मायावती अब इस एक्ट को लेकर आन्दोलन का समर्थन कर रही है। . बृजलाल ने 20 मई 2007 के एक शासनादेश को दिखाते हुए कहा कि पुलिस को स्पष्ट निर्देश थे कि हत्या और बालात्कार जैसे मामलों में ही एससी-एसटी एक्ट लगाया जाए। छोटे मोटे मामलों में इस एक्ट को न लगाया जाए। बता दें कि जिस समय ये आदेश जारी किया गया था, उस समय प्रदेश में बसपा की सरकार थी।



बता दें बृजलाल कभी मायावती के काफी करीबी अफसरों में से एक रहे हैं। बृजलाल का आरोप है कि मायावती दलितों की मसीहा नही हैं, बल्कि दलितों के सम्मान और सुरक्षा के लिए बने एससी-एसटी एक्ट को उन्होंने अपने आदेश से कमज़ोर किया था। बृजलाल अपने साथ मई 2007 के एक शासनादेश की कॉपी भी दिखाते हैं। कानून व्यवस्था के लिए जारी इस शासनादेश में 18 वें नंबर पर जो लिखा है, वो दलितों के लिए मायावती सरकार के रुख़ को दिखाता है। शासनादेश के मुताबिक सरकार को बदनाम करने के लिए एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग हो सकता है। दबंग लोग दलितों को मोहरा बनाकर एससी-एसटी एक्ट के फर्ज़ी मुकदमे दर्ज़ करा सकते हैं। इससे ही साफ होता है कि मायावती सरकार जानती थी कि इस एक्ट का दुरूपयोग होता है।



बृजलाल ने बताया कि मायावती सरकार की मंशा थी कि यदि दलितों के उत्पीड़न के मामले सही तौर पर दर्ज़ होंगें तो प्रदेश में संदेश जाएगा कि उनकी ही सरकार में दलितों का उत्पीड़न बढ़ा है। ये संदेश न जाए सिर्फ इसलिए मायावती सरकार में एससी-एसटी एक्ट को कमज़ोर किया गया। अब देखना ये है कि इस मामले को लेकर बीजेपी आलाकमान की तरफ से व मायावती की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आती है।



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