पूर्व सांसद तारिक़ अनवर का बड़ा बयान, कहा ‘बिहार में भी किसानों का कर्ज माफ हो’

तौक़ीर रज़ा की रिपोर्ट :

कटिहार : कटिहार के पूर्व सांसद सह वरिष्ठ कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने बिहार में गिरती कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर जम कर निशाना साधा। अनवर ने कहा कि बिहार में व्यवसाई से लेकर आम लोगो मे भय व्याप्त है। फिरौती अपहरण को लेकर कोई भी बड़ा व्यवसाई बिहार में पूंजी निवेश नही करना चाह रहा। वही मध्य प्रदेश में किसानों के कर्ज माफी की तर्ज पर अनवर ने कहा कि बिहार में भी किसानों का कर्ज माफ हो, क्योंकि बिहार के किसान भी बाढ़ और सूखे की आपदा झेल रहे है।

वही स्व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से देश रत्न वापस लेने की मांग को उन्होंने आम आदमी पार्टी का राजनीति से प्रेरित कदम बताते हुए दुर्भाग्यपूर्ण बताया। अनवर ने हाल में ही महागठबंधन में शामिल रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा के बारे में कहा कि कोई भी घटक दल अब NDA कीसवारी नही करना चाहता कि क्योंकि NDA अब डूबता जहाज है। राम विलास पासवान को चुनावी मौसम वैज्ञानिक कहते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव आते आते कई दल और नेता NDA छोड़ महागठबंधन में आएंगे।

तारिक़ अनवर ने पत्रकारों को यह भी कहा कि जिस प्रकार मध्यप्रदेश, राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में नव गठित कॉग्रेस की सरकार ने अपने वादे को पूरा करते हुए किसानों का ऋण माफ कर चुकी है, लेकिन बिहार प्रदेश में भाजपा-जदयू की सरकार इस मामले में चुप्पी क्यों साधे हुए है। अनवर ने कहा कि बिहार में प्राकृतिक आपदाओं के कारण साल दर साल किसानों को भारी फसल क्षति उठानी पड़ रही है । इसको लेकर लगातार किसानों को राहत देने हेतु कृषि ऋण माफी की मांग होती रही है।

उन्होंने कहा कि मैं सांसद की हैसियत से कई बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कृषि ऋण माफी की घोषणा करने का अनुरोध किया। मै पुनः बिहार के किसानों की आर्थिक बदहाली को देखते हुए राजस्थान मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कृषि ऋण अविलंब माफ कर देने की मांग कर रहा हूँ।

उन्होंने कहा कि बिहार में आंगनबाड़ी सेविका, स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशा, ममता तथा मध्यान्ह भोजन योजना के अन्तर्गत कार्यरत रसोईया, न्यायमित्र, किसान सलाहकार, टोला सेवक इत्यादी को उनके कार्यभार के अनुरूप मानदेय नहीं मिल रहा है। ये सभी कर्मी कुशल श्रमिक की श्रेणी में आते है। सरकार द्वारा कुशल श्रमिकों के लिए न्युनतम मजदूरी श्रम विभाग द्वारा निर्धारित है। वास्तविकता यह है कि इन कर्मियों को विहित न्युनतम मजदूरी भी नहीं दी जा रही है। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर इन लोगों के मानदेय में बढ़ोतरी करनी चाहिए। अनवर ने कहा कि कटिहार जिले में गंगा, कोशी तथा महानन्दा नदियों से कटाव की गंभीर समस्या है। राज्य सरकार को इन सभी समस्याओं को अविलंब दूर करना चाहिए।

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