अलवर के कोटकासिम में नही बनेगा एयरपोर्ट, चढ़ा राजनीति की भेंट

अजय सैनी की रिपोर्ट :

अलवर : कोटकासिम एयरपोर्ट की चर्चा क्षेत्र में 2010 से चल रही है। निर्माण प्रकिया आगे बढ़ती रही और क्षेत्र में विकास की बातें होने लगी। लोगों के सपने सातवें आसमान पर थे, लेकिन शनिवार को आई खबर के बाद क्षेत्रिय लोग निराश हो गए। सरकार पिछले 6 साल से एयरपोर्ट का सपना दिखा रही थी, जिसके बाद शनिवार को केन्द्र सरकार ने जेवर में एयरपोर्ट की घोषणा कर दी।

इस खबर के बाद जिले में खलबली मच गई है। लोगों ने रविवार को बीजेपी नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और सरकार की नाकामी को जमकर कोसा। राजनीतिक पकड़ कमजोर होने से अलवर जिले से एक के बाद एक प्रोजेक्ट जाने लगे है। इससे पहले अलवर के हिस्से से सैनिक स्कूल और अब एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के जाने की तैयारी है।

साल 2010 में जिले के कोटकासिम के समीप यात्री एयरपोर्ट को मंजूरी दी गई थी, हालाँकि चार साल तक यह प्रोजेक्ट कागजों में फंसा रहा। इसके बाद साल 2014 के रीजनल प्लान में कोटकासिम में इंटरनेशनल एयरपोर्ट को मंजूरी मिली। जिले में चल रहे डीएमआईसी प्रोजेक्ट के तहत कोटकासिम एक बार फिर ग्रीन सिटी कार्गों और यात्री एयरपोर्ट की मंजूरी 2016 में मिली। इसी साल नागरिक उड्ड्यन और गृह मंत्रालय से इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी गई।

इसके बाद क्षेत्र में एयरपोर्ट के लिए डीपीआर बनाने का काम तेजी से शुरू हो गया, जमीन भी चिन्हित कर ली गई, साथ ही डीपीआर तैयार होने के बाद अगस्त-सितंबर में जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू होनी थी।

जेवर में एयरपोर्ट मंजूरी से अलवर को झटके की तैयारी

केंद्र सरकार ने जेवर में बनने वाले इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सैंद्धांतिक मंजूरी दे दी है, इसके लिए करीब 3000 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी। उत्तर प्रदेश के जेवर में देश का पहला कार्गों एयरपोर्ट को मंजूरी मिलने से अलवर जिले में प्रस्तावित एयरपोर्ट पर संकट के बादल गहराने लगे हैं। इसका कारण है कि दो इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच कम से कम 150 किलोमीटर की दूरी होना जरूरी है। जबकि दिल्ली में पहले ही एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। वहीं दिल्ली से कोटकासिम एयरपोर्ट की दूरी 122 किलोमीटर है।

पहले इस एयरपोर्ट का मंजूरी मिलने का मुख्य कारण दिल्ली एयरपोर्ट पर हर साल 6 करोड़ का यात्री भार है जिसके लिए कोटकासिम में एयरपोर्ट को मंजूरी दी गई। जबकि दिल्ली से जेवर की दूरी करीब 100 किलोमीटर है जिससे दिल्ली के यात्री भार में कमी आएगी।

इस मामले पर राजस्थान सरकार में श्रम मंत्री डॉ जसवंत यादव ने कहा कि इस मुद्दे को सांसद केंद्र में बेहतर से उठा सकते है। एयरपोर्ट का फैसला पूरी तरह केंद्र सरकार के हाथ में होता है। इसमें राज्य सरकार का कोई अधिकार नहीं होता।

वहीं कांग्रेस नेता और अलवर जिला प्रमुख रेखा राजू यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार व स्थानीय विधायकों की लापरवाही व नेतृत्व हीनता की वजह से ऐसा हुआ है। इसका नुकसान अलवर सहित आसपास के कई जिलों को उठाना होगा।

About Kanhaiya Krishna

Check Also

दिल्ली : पाकिस्तानी आतंकी गिरफ्तार, एके-47, हैंड ग्रेनेड बरामद, स्पेशल सेल की आतंकी से पूछताछ जारी

दिल्ली : पाकिस्तानी आतंकी गिरफ्तार, एके-47, हैंड ग्रेनेड बरामद, स्पेशल सेल की आतंकी से पूछताछ जारी

रिपोर्ट : सलिल यादव   आईएसआई ने दिल्ली समेत पूरे देश में हमलों के लिए …

लखीमपुर हिंसा केस का मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा क्राइम ब्रांच के सामने पेश

लखीमपुर हिंसा केस का मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा क्राइम ब्रांच के सामने पेश

रिपोर्ट : सलिल यादव लखीमपुर हिंसा केस के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा जांच एजेंसी के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *