लखनऊ : इससे शर्म की बात और क्या हो सकती है कि किसी प्रदेश के सम्मानित पदों पर बैठे अधिकारियों पर महिला के साथ छेड़छाड़ का मामला दर्ज हो। हम बात कर रहे हैं यूपी की, जहां के दो अधिकारियों पर महिला के साथ छेड़छाड़ और धमकी का आरोप है। यह दोनों अधिकारी उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव और उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर हैं, जिन्होंने छेड़छाड़ के मामले में दाखिल परिवार को खारिज करने की अपील की थी, लेकिन विशेष अदालत SC/ST के न्यायाधीश सैयद सरवर हुसैन रिजवी ने इनकी अपील खारिज कर दी। अब इन पर महिला से छेड़छाड़ और धमकी का मुकदमा चलेगा।
दरअसल फर्रुखाबाद जिले के कमालगंज थाने के एक गांव की महिला ने 2007 में वकील हरिनाथ सिंह के माध्यम से जिले में तैनात तत्कालीन एडीएम जेपी चौरसिया (वर्तमान में विशेष सचिव उत्तर प्रदेश शासन) और नगर मजिस्ट्रेट संजय कुमार यादव (वर्तमान में डिप्टी डायरेक्टर उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधक अकादमी) के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया था। कोर्ट ने अपना पक्ष रखने के लिए दोनों अफसरों को तलब किया। इनके हाजिर न होने पर गैर जमानती वारंट जारी हुए।
इस पर जेपी चौरसिया और संजय यादव ने मुकदमा खारिज करने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें महिला के आरोपों को गलत बताया गया था। तत्कालीन सीजेएम ने 18 अगस्त 2017 को दोनों अधिकारियों का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। दोनों अधिकारियों ने इस आदेश के खिलाफ वकील महेश यादव के माध्यम से जिला जज की कोर्ट में अपील दाखिल की। यहां से केस ट्रांसफर किए जाने पर इसकी सुनवाई विशेष अदालत एससीएसटी में हुई। बुधवार को न्यायाधीश ने अधिकारियों की अपील खारिज कर सीजेएम के 18 अगस्त के आदेश को बरकरार रखा। अब इन पर छेड़छाड़ व धमकी का मुकदमा सीजेएम कोर्ट में चलेगा।
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