सुनील विश्राम की रिपोर्ट :
चन्दौली : प्याज कभी रुलाता है तो कभी तख्तापलट कर देता है। जी हां प्याज में इतनी ताकत है, लेकिन आज 41 टन प्याज रेलवे की लापरवाही के चलते रेलवे यार्ड में पड़े पड़े सड़ रहा है और अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे तमाशबीन बने हुए है, जिससे प्याज व्यापारी का लाखों का नुकसान हो गया।
जानकारी के अनुसार रेलवे यार्ड में 900 बोरी प्याज की, जो करीब डेढ़ महीने पूर्व भुसाव से 42 बोगी के रैक के साथ तो चला, लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही से एक बोगी ओवर कैरी होकर कही और चला गया। माल को संबंधित स्थान पर पहुंचने में डेढ़ महीने से ज्यादा का वक्त लग गया। इस बीच प्याज पूरी तरह सड़ गया, जिसे अब इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता। अब पीड़ित व्यापारी रेलवे दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर है लेकिन बावजूद इसके उसकी सुनने वाला कोई नहीं।
बता दें कि पहाड़िया मंडी के व्यवसायी विशाल अशोक भंडारी, विगत 22 फरवरी को भुसावल से व्यास नगर के लिए 42 रेलवे बोगियों में प्याज लदवा कर अपने सामान की प्रतीक्षा व्यासनगर में करते रहे। उन्हें उन्हें मॉल वाहक ट्रेन की 41 बोगी का प्याज तो समयावधि में मिल गया लेकिन एक बोगी रेलवे की लापरवाही के चलते ओवर कैरी होकर दूसरे रूट पर चली गयी और 30 मार्च को व्यासनगर पहुंची।
व्यापारियों का आरोप है कि उक्त बोगी में 11 लाख 6 हजार का प्याज रेलकर्मियों के लापरवाही के चलते खराब हो गया। अब व्यापारी सड़े हुए प्याज के मुआवजे के लिए करीब 10 दिन से रेल अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं। तमाम शिकायतों के बावजूद अब तक रेलवे अधिकारी मामले का हल नहीं निकाल सके।अब व्यापारी और किसान दोनों चिंतित हैं। लेकिन महकमे का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से कतरा रहे है।