लखनऊ : यूपी के प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले को भव्य बनाने के लिए योगी सरकार ने कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है। इस बार कुंभ मेले पर योगी सरकार के द्वारा पिछली बार हुए कुंभ मेले पर सपा सरकार द्वारा खर्च किए गए रकम की तुलना में 3 गुना अधिक रकम खर्च किया गया है। जानकारी के मुताबिक इस बार योगी सरकार ने 42 सौ करोड़ रुपए खर्च किए हैं। योगी सरकार द्वारा 2018 19 के बजट में 15 सौ करोड़ का प्रावधान किया गया था जबकि कुछ राशि केंद्र सरकार की ओर से भी दी गई। वहीं सरकार द्वारा कुंभ मेले पर खर्च की गई भारी भरकम राशि के बदले इससे सरकार का खजाना भी बढ़ेगा। आइए जानते हैं कुंभ मेले से किस तरह सरकार का खजाना भरेगा ?
भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सीआईआई ने एक अनुमान लगाया है कि 49 दिन तक चलने वाले इस मेले से राज्य सरकार को क़रीब एक लाख 20 हज़ार करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है। हालांकि ख़ुद सरकार ने इस तरह का कोई अनुमान अब तक नहीं लगाया है लेकिन मेला क्षेत्र के ज़िलाधिकारी विजय किरण आनंद कहते हैं कि सरकार को आय होती है ज़रूर है।
विजय किरण आनंद कहते हैं कि सरकार को यह आय दो तरह से होती है, एक तो प्राधिकरण की आय है और दूसरी जो कई तरीक़े से होते हुए राज्य के राजस्व खाते में जाती है। उनके मुताबिक़, “प्राधिकरण मेला क्षेत्र में जो दुकानें आवंटित करता है, तमाम कार्यक्रमों की अनुमति दी जाती है, कुछ व्यापारिक क्षेत्रों का आवंटन किया जाता है, इन सबसे थोड़ी बहुत आय होती है. मसलन इस बार हम लोगों ने क़रीब दस करोड़ रुपये कमाए हैं कुंभ मेले से. लेकिन परोक्ष रूप से इसकी वजह से राज्य के राजस्व में काफ़ी लाभ होता है जिसका हम लोग इस बार अध्ययन भी करा रहे हैं.”
विजय किरण आनंद कहते हैं कि पिछले कुंभ, अर्धकुंभ या फिर हर साल प्रयाग क्षेत्र में लगने वाले माघ मेले में अब तक इस तरह का आंकड़ा जुटाने का प्रयास नहीं किया लेकिन इस बार किया जा रहा है। सीआईआई की एक रिपोर्ट की मानें तो मेले के आयोजन से जुड़े कार्यों में छह लाख से ज़्यादा कामगारों के लिए रोज़गार उत्पन्न हो रहा है। रिपोर्ट में अलग-अलग मदों पर होने वाले राजस्व का आंकलन किया गया है जिसमें आतिथ्य क्षेत्र, एयरलाइंस, पर्यटन, इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों से होने वाली आय को शामिल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक़ इन सबसे सरकारी एजेंसियों और व्यापारियों की कमाई बढ़ेगी।