नई दिल्ली : जहाँ एक तरफ बीजेपी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुटी है, वहीँ पार्टी को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले जहाँ बीजेपी के कई सहयोगी दलों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है, वहीँ कई सहयोगी पार्टी को आँख दिखा रहे हैं। वहीँ लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सहयोगी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने आधिकारिक तौर पर एनडीए से अलग होने का ऐलान कर दिया है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के एनडीए के अलग होने से बीजेपी को पश्चिम बंगाल में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बिनय तमांग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस बाबत जानकारी देते हुए पत्र लिखा है जिसमे उन्होंने कहा है कि वह तीसरा मोर्चा का हिस्सा बनना चाहते हैं। बता दें कि तमांग ने पार्टी के महासचिव अनित थापा के साथ शनिवार को विपक्षी दलों की विशाल रैली में हिस्सा लिया था। जिसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा भाजपा से अलग हो सकती है। ऐसे में तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए मोर्चा ने एनडीए से अलग होने का आज आधिकारिक रूप से ऐलान कर दिया।
तमांग ने पत्र में लिखा कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पिछले 10 साल से एनडीए के साथ है, हम आधिकारिक रूप से तीसरा मोर्चा के संयोजक के साथ गठबंधन करना चाहते हैं और एनडीए के साथ गठबंधन खत्म कर रहे हैं। हम तीसरा मोर्चा के साथ मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। जिस तरह से मोर्चा में नेतृत्व परिवर्तन हुआ था उसके बाद माना जा रहा था कि तमांग एनडीए के साथ रास्ते अलग कर सकते हैं और ऐसा ही हुआ, उन्होंने एनडीए के साथ 10 साल पुराना साथ खत्म कर दिया।