संभल में नहीं थम रही हैं सामूहिक छेड़छाड़ की वारदातें, पुलिस पर कार्यवाही न करने के आरोप

सर्वेश कुमार की रिपोर्ट :

संभल : उत्तर प्रदेश सरकार बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ जैसे नारों से जनता के पेट भर रही है, लेकिन ऐसे में कहां और कैसे पढ़ाएं, जब बेटियों की इज्जत-आबरु सुरक्षित ही नहीं है। यह जुमले मात्र कहने के लिए है, क्योंकि मनचलों में ना तो पुलिस का खौफ है और ना ही किए जा रहे कारनामों के अंजाम की परवाह। आलम ये है कि उपद्रवी पुलिस प्रशासन पर हावी हो रहे हैं। पुलिस उन पर कोई कार्रवाई नहीं करती है, बल्कि इसके बदले में पीड़ित पक्ष को फटकार कर थाना कोतवाली से बाहर भगा दिया जाता है। अब ऐसे में पीड़ित जाएं तो कहां जाएं ?


मामला उत्तर प्रदेश के संभल के थाना राजपुरा के गांव रानीगंज का है, जहां पर सामने से स्कूल जाती छात्राओं के साथ गांव के ही दबंग किस्म के लड़कों ने छेड़छाड़ की। यह दबंग पांच-छह दिन से लगातार छेड़खानी करते चले आ रहे थे। कल स्कूल से घर वापस जाते समय उन्हीं दबंग लड़को ने वारदात को पुनः दोहराया। छात्राओं का आरोप है कि सुबह जब घर से निकल कर के स्कूल के लिए पढ़ने जाती हैं, तो दबंग किस्म के यह लड़के समूह बनाकर के हमारे साथ छेड़खानी करते हैं। लगातार रास्ते में घात लगाए बैठे खौफनाक भेड़िए बस स्टैंड से बस में चढ़ जाते हैं और शरीर में पहने कपड़ों को खींचातानी करते हैं। बेखौफ दरिंदों से अपने इज्जत आबरु बचाना मुश्किल लगता है। आज यह पूरा प्रकरण छात्राओं ने घर पहुंचने के बाद अपने परिवार माता पिताओं को बताया, जिस पर बेटियों के माता-पिताओं ने थाना रजपुरा में ले जाकर के इन दरिंदों के खिलाफ शिकायत पत्र दिया तो थाना इंचार्ज राज पुरा ने दबंगों के खिलाफ कार्यवाही करने से साफ इनकार कर दिया और उल्टा छात्राओं को डरा धमका कर के इन्हीं पर उल्टी कार्रवाई करने के लिए वापस घर भेज दिया।


बता दे कि बीते दिनों थाना रजपुरा के गांव में एक महिला के साथ गैंगरेप कर जिंदा जलाने का मामला सामने आया था, जिसमें पहले भी थाना रजपुरा ने कार्यवाही करने से साफ इनकार कर दिया था, लेकिन मामला मीडिया की संज्ञान में आया तो पुलिस अधीक्षक संभल के द्वारा कार्यवाही की गई। ऐसा ही प्रकरण छात्राओं के साथ होने की संभावना की जा रही है, लेकिन पुलिस विभाग दरिंदों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही करने को राजी नहीं है।


ऐसे में पुलिस प्रशासन पर कई सवालिया निशान खड़े होते हैं। आखिरकार दबंग दरिंदों को खौफ क्यों नहीं है ? दबंगों पर पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं करती ? पीड़िता की शिकायत को अनसुना क्यों कर दिया जाता है ? राजपुरा पुलिस दबंगों के आगे घुटने क्यों टेक देते हैं ? दबंगों की वारदात को अंजाम देने से पहले पुलिस को पीड़िता की आवाज सुनाई क्यों नहीं देती ? आखिरकार पीड़िता दर-दर भटकने को क्यों मजबूर हो जाती है ? इसका जवाब थाना पुलिस राजपुरा अध्यक्ष ही बता सकते हैं, जो मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं।


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