संतोष कुमार शर्मा की रिपोर्ट
बलिया।: कर्मचारी कल्याण निगम द्वारा कस्बे में स्थापित सरकारी गेहूं क्रय केंद्र का स्थानांतरण अकारण बिना किसी पूर्व सूचना के कस्बे से 3 किलोमीटर दूर इंटीरियर इलाके में करमपुर गांव में किया गया था लेकिन दो दिनो के अंदर ही एक बार फिर गेहूं क्रय केंद्र का स्थानांतरण कस्बे से 7 किलोमीटर दूर करम्बर मे स्थानांतरित कर क्षेत्र के किसानों के साथ विश्वासघात किया गया है। जहां आवागमन का न तो बेहतरीन सुविधा उपलब्ध है और न ही किसानों और उसके गेहूं की सुरक्षा का ही कोई इंतजाम किया गया है यही नही 7 किलोमीटर दूर गेहूं ले जाने मे श्रम,शक्ति व धन का अत्यधिक खर्च होगा जो छोटे जोत वाले किसानो के लिये काफी मुस्किल होगा। यहां स्थापित गेहूं क्रय केंद्र की औचक जांच जिला अधिकारी बलिया भवानी सिंह खगारोत ने की। जांच के दरमियान कर्मचारियों की कुछ लापरवाही उजागर हुई जिस पर डीएम ने कर्मचारियों को काफी फटकार लगाई।अचानक गेहूं क्रय केंद्र का स्थानान्तरण आखिर क्यों किया गया यह किसानों की समझ से परे है। किसानों का कहना है कि क्रय केंद्र पर गड़बड़ी मे यदि कर्मचारी दोषी हैं तो उसका खामियाजा किसानों को क्यों भुगतना पड़ रहा है ।इसमें किसानों का क्या दोष है।आखिर क्यों यह सुविधा यहां से छीन ली गई। केंद्र को ही यहां से स्थानांतरित कर दिया गया। प्रशासन के इस तुगलकी आदेश पर गेहूं उत्पादक किसानों में तीब्र आक्रोश है।किसानों का कहना है कि यदि अविलंब कर्मचारी कल्याण निगम पुन: क्रय केंद्र सुखपुरा में स्थापित नहीं करता तो किसान संघर्ष करने को बाध्य होंगे।एक बार पुन: क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अपनी व्यथा का इजहार किया है । किसानों का कहना है कि कर्मचारियों की उदासीनता या लापरवाही का खामियाजा किसान क्यों भुगते। इस पर जिला प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है ।कहा कि प्रदेश की योगी सरकार किसानों के हक व हित की तमाम योजनाओं का क्रियान्वयन तो कर रही है लेकिन अधिकारी व कर्मचारी इसे मटियामेट करने पर उतारू है।