*जितेन्द्र गौङ की रिपोर्ट*
उन्नाव संसद का रास्ता गांव से होकर गुजरता है आज उसी गांव की गलियों में अंधेरा व्याप्त है ग्रामीण हर बार उम्मीद लगाए रहते हैं कि इस बार तो अंधेरा दूर होगा बिजली का इंतजार करते हुए नौजवान बुजुर्ग हो गए लेकिन बिजली के दर्शन नहीं हुए आजादी के इतने वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है जिससे ग्रामीण आहत है।
विकास खंड सरोसी क्षेत्र के अंतर्गत गंगा नदी की तलहटी में बसे गांव माना बंगला,बाबू बंगला,छेदी बंगला,पनपथा,चंदी बंगला,धनकू खेड़ा,बेनी पुरवा, महानंद पुरवा सहित दर्जनों गांवों में अभी तक विद्युत विभाग की नजर ही नहीं पहुंची है जिसके कारण यहां के लोग आज भी लालटेन युग में जीवन यापन कर रहे हैं ऐसा नहीं है कि यहां के निवासियों से जन प्रतिनिधियों ने अंधेरा दूर करने का आश्वासन तो देते हैं लेकिन धरातल पर कोई काम नजर नहीं आता है ग्रामीणों में लवकुश दिवेदी,राकेश,पप्पू, महेश,लक्ष्मण,मेवा सहित लोग बताते हैं कि बरसात के दिनों में गंगा नदी का जलस्तर गांव तक पहुंच जाता है जिससे जंगली जीव जंतुओं का खतरा बढ़ जाता है केरोसीन की कमी के कारण रात में बच्चों की पढाई भी नहीं हो पाती है जिससे यहां के नौ निहाल बच्चों का भविष्य अंधकार में डूबा हुआ है चुनाव के समय आने वाले जन प्रतिनिधि वादा तो बङे-बङे करते हैं लेकिन उसके बाद जब पूरा करने का समय आता है तो भूल जाते हैं जिससे यहां के लोग अब तो उम्मीद भी छोड़ चुके हैं।