जितेंद्र गौङ की रिपोर्ट
उन्नाव।विकास खंड क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीणों को शौचालय बना कर खुले में शौच मुक्त कराने के लिए सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर कार्य कराए जा रहे हैं लेकिन मानकों को दर किनार करते हुए महज औपचारिकता पूरी की जा रही है तभी तो कही कंडे भरे हुए हैं।करोड़ों रुपए प्रचार प्रसार पर खर्च करने के बाद भी प्रयोग नहीं हो रहे हैं।
विकास खंड मियांगंज की 74 गाम पंचायतों सहित उनके मजरों में खुले में शौच मुक्त कराने के लिए बड़े पैमाने पर सरकार द्वारा शौचालयों का निर्माण ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायत अधिकारियों द्वारा कराया जा रहा है ग्रामीणों को प्रेरित करने के लिए गांव-गांव टीमें लगायी गयी है जो लोगों को खुले में शौच से होने वाली बीमारियों के विषय में जागरूक कर रहे हैं इसके बाद भी बनाए गए शौचालय ग्रामीण प्रयोग नहीं कर रहे हैं उनका कहना है कि लागत के हिसाब से शौचालय नहीं बन रहे हैं पल्ले से लेकर सीट व छत चिनाई सबमें कमीशन बाजी का खुला खेल चल रहा है जबकि जिले के आलाधिकारियों से लेकर खंड विकास अधिकारी यह दर्शा कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं कि शासन की मंशा के अनुरूप कार्य कराये जा रहे हैं जबकि जमीनी सच्चाई कुछ और ही बया कर रहा है।
सोमवार को प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर में खंड विकास अधिकारी राजीव कुमार सिंह ने स्वच्छता अभियान के तहत चौपाल कार्यक्रम में भाग लिया था और लोगों को शौचालयों का प्रयोग करने के लिए प्रेरित कर रहे थे उसी गांव के मजरा सीताराम खेड़ा में बने शौचालय जिनमें उपले भरे हुए हैं शायद जमीनी हकीकत नहीं दिखाई पङ रही है।