राघवेंद्र तिवारी की रिपोर्ट :
लखनऊ : सूदखोर की शिकायत लेकर निगोहां थाने पहुंचा पीड़ित हाथ जोड़कर न्याय दिलाने के लिए गिड़गिड़ाता रहा लेकिन पीड़ित के सामने ही पुलिस सूदखोर को सम्मान से कुर्सी पर बिठाकर आवाभगत में जुटी रही। मामले की गंभीरता को नजरअंदाज कर रही पुलिस पीड़ित पर 50 के बदले 10 हजार देकर मामला निपटाने के लिए दबाव बनाती रही। वहीं पुलिस की मौजूदगी में भी बेअंदाज सूदखोर ने सुलह के लिए दिन मुकर्रर कर तय तारीख तक रुपया वापस न करने पर अपने तरीके से रुपया वसूलने की हिदायत तक दे डाली।
निगोहा के रामदासपुर गांव के रहने वाले किसान छेदालाल ने दस हजार की रकम निगोहा में ब्याज पर देने वाले एक दुकानदार से ली थी। जिस पर दुकानदार ने उसी समय ब्याज का पैसा काटकर 9 हजार रूपये दिए थे।और उसके बाद ब्याज के नाम पर 23 हजार रुपये दुकानदार को दे दिए उसके बाद भी दुकानदार ने किसान से ब्याज की रकम की मांग करता रहा और मना करने पर प्रताड़ित करने लगा। जिस पर किसान ने सीएम पोर्टल पर शिकायत की थी। इसकी जांच निगोहा के एसआई हरिकेश सिंह को मिली।जिस पर मुकदमा दर्ज करने के बजाए निगोहा पुलिस ने आरोपी सूदखोर को थाने पर बुलाकर कुर्सी पर बैठाया और उसकी आवाभगत की वही पीड़ित किसान को विवेचक ने खड़े रखा इस दौरान सूदखोर ने कई बार धमकाया भी पर बैठे दरोगा मौन बने रहे।
इन सबके बीच दरोगा ने ही किसान से कहाकि कार्यवायी के चक्कर में न पड़ो इनको अब 10 हजार देकर अपना मामला निपटा लो जिसके लिए सूदखोर ने बाकायदा फरवरी की 20 तारीख तय कर दी है। वही इस बारे में जब विवेचक से बात की गयी तो उन्होंने ने बताया कि सूदखोर के पास ब्याज देने का लाइसेंस है और इनका 10 हजार में समझौता करा दिया गया। वही जब लाइसेंस के बारे में पूछा गया कि आपने लाइसेंस देखा और उसके नियम कानून कायदे पड़े तो कहा मैने नही देखा है।
एसडीएम ने कहा सूदखोरी लाइसेंस की होगी जांच
इस मामले को लेकर जब एसडीएम मोहनलालगंज सूर्यकांत त्रिपाठी से बात की गयी तो उन्होंने ने बताया कि ऐसे लाइसेंस का कोई लेखाजोखा तहसील में नही है।यदि इस तरह का कोई कारोबार कर रहा है तो जांच की जाएगी।और सूदखोरी का लाइसेंस में चेक किया जायेगा।