पटना से शशि यादव की रिपोर्ट:
पटना : एडीएम ने अपने पोस्ट की हनक दिखाई है. वो भी 13 साल के एक बच्चे पर. पहले उसे घंटों पुलिस की कस्टडी में रखवाया. फिर एक थाना से दूसरे थाने में भिजवाया. बच्चे को पूरी रात थाना में रखा गया. फिर सुबह हुई, दोपहर हुआ. फैमिली वाले लगातार मिन्नते करते रहे. लेकिन एडीएम का दिल जरा भी नहीं पिघला. पुलिस ने बच्चे को मजिस्ट्रेट के पास पेश कर दिया और फिर उसे पटना सिटी स्थित रिमांड होम भेज दिया गया. इस अनोखे कारनामा को अंजाम देने वाले एडीएम साहब किसी दूसरे जिले में नहीं, बल्कि पटना जिले में ही पोस्टेड हैं. वो पटना के एडीएम स्पेशल हैं. इनका नाम विरेन्द्र कुमार पासवान है.
— अब आपको बताते हैं पूरा मामला
13 साल का विकास आर्या पटना के ककंड़बाग में अपनी मां के साथ रहता है. मूल रूप से ये बख्तियारपुर का रहने वाला है. पिता रामचन्द्र मिश्रा की बख्तियारपुर में एक छोटा सी दुकान है. विकास आर्या पटना के विशप स्कॉट स्कूल में क्लास 9 का स्टूडेंट है. दरअसल सोमवार को क्रिसमस की स्कूल में छुट्टी थी. शाम के टाईम वो घर से 10 मिनट के लिए निकला था. घर से नीचे उतरते ही उसे बड़ी बहन का एक फ्रेंड आर्यन मिल गया. विकास ने आर्यन से उसकी स्कूटी चलाने के लिए मांग ली. अपने एक फ्रेंड के साथ वो स्कूटी से कदमकुआं चला गया. जब वापस घर लौट रहा था, उसी दरम्यान एटीएम से कैश निकालकर आ रहे एक व्यक्ति से वो बैलेंस बिगड़ जाने के कारण टकरा गया. वो व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि पटना के एडीएम स्पेशल विरेन्द्र कुमार पासवान थे.
— बुला लिया पुलिस को
चोट लगने की वजह से एडीएम साहब ने पास से ही गुजर रहे कदमकुआं थाने की पेट्रोलिंग टीम को बुला लिया. विकास को पुलिस को हवाले करा दिया. कई घंटे तक विकास को थाने में रखा गया. जानकारी मिलते ही विकास की मां और फैमिली के दूसरे मेंबर्स मौके पर पहुंचे. सभी ने माफी मांगी. बच्चे को माफ कर देने के लिए काफी मिन्नतें की. लेकिन वो एक नहीं सुने. कुछ घंटे बाद ही मामला गांधी मैदान ट्रैफिक थाने को सौंप दिया गया. वहां की टीम कदमकुआं आई और बच्चे को अपने साथ लेकर ट्रैफिक थाना लेकर चली गई. पूरी रात बच्चे को थाने में रखा गया.
— कहवा दीजिए तो छोड़ देंगे
एडीएम साहब की हनक के आगे ट्रैफिक थाने की पुलिस टीम भी नतमस्तक रही. सोमवार की रात से लेकर मंगलवार की दोपहर तक फैमिली वालों को बहलाते—फुसलाते रहे. बच्चे की फैमिली को ये कहा कि एडीएम साहब से कहवा दीजिए तो छोड़ देंगे. दो—तीन बार एडीएम साहब से फैमिली वाले मिले. दिखावे के लिए छुड़वाने को कहा भी. लेकिन इसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि एडीएम साहब से रिटेन में लिखवा कर दीजिए, तब बच्चे को छोड़ेंगे. लेकिन बाद में एडीएम साहब ने रिटेन में लिख कर देने से साफ मना कर दिया. ट्रैफिक थाने के सब इंस्पेक्टर विनय कुमार सिंह के अनुसार मजिस्ट्रेट के यहां पेशी के बाद बच्चे को रिमांड होम भेज दिया गया है.
— अब जानिए एडीएम साहब की दलील
इस मामले को लेकर एडीएम स्पेशल विरेन्द्र कुमार पासवान से बात की गई. उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत जोड़ चोट लगी है. उनकी बाएं साइड की एड़ी टूट गई है. उनके एक पैर की दो उंगलियों को भी नुकसान हुआ है. अब वो बुधवार को रांची जा रहे हैं. अब वहीं अपना ट्रीटमेंट करवाएंगे. एडीएम साहब ने हमें ये बताया कि उन्होंने कदमकुआं थाना में एफआईआर करवा दिया है. जबकि एफआईआर गांधी मैदान ट्रैफिक थाने में दर्ज कराई गई है.
— सवालों के घेरे में एडीएम साहब
ये पूरा मामला सामने आने के बाद से एडीएम स्पेशल अब खुद सवालों के घेरे मे आ गए हैं. सबसे पहली बात कि प्रकाश पर्व को लेकर पटना जिला प्रशासन ने इन्हें नोडल पदाधिकारी बनाया था. इनकी ड्यूटी बाल लीला गुरुदृवारा में लगाई गई थी. सोमवार की रात मेन प्रोग्राम होने के कारण सीएम नीतीश कुमार भी आने वाले थे. रात 12 से 2 बजे का प्रोग्राम था. कदमकुआं में एक्सिडेंट की घटना शाम 6 बजे के करीब की है. अपनी ड्यूटी छोड़ एडीएम साहब कदमकुआं क्या करने गए थे? दूसरा सवाल ये है कि अगर इन्हें चोट थी तो इनका मेडिकल ट्रैफिक थाना की पुलिस टीम को कराना चाहिए था. लेकिन ऐसा हुआ नहीं.