*बलिया।* जागरूक संस्थान तथा फीनीक्स इंटर नेशनल स्कूल के तत्वावधान में एक शाम बेटियों के नाम के अंतर्गत दो नाटकों का मंचन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सभा के अध्यक्ष डा.जनार्दन राय, मुख्य अतिथि संध्या सिंह एलआई थाना कोतवाली बलिया, विशिष्ट अतिथि निशा राघव एवं डा.श्रीपति कुमार यादव द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया। इसके पश्चात अभय सिंह कुशवाहा द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक आखिरी कब तक? का मंचन किया गया। वर्तमान परिवेश में हो रहे बेटियों के साथ दुष्कर्म जैसे विषय को बहुत ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया गया।
नाटक का मख्यवाद माधव और उसकी रूपा अपनी बेटी गुड़िया के साथ हुए दुष्कर्म का इंसाफ दिलाने के लिए मजबूर होकर कानून को अपने हाथ में ले लेते है और दोषियों को मौत के घाट उतारकर समाज के सामने ये सवाल खड़ा करते है कि आखिर कब तक? हमारी बेटियों की अश्मत ऐसे ही लुटती रहेगी। नाटक के अन्य भूमिकाओं में प्रिया, जीया, आयुष, आशुतोष, छोटेलाल, राहुल, नितेश, दिव्यांशु, सुमंत, कौशल शुक्ल आदि का अभिनय भी सराहनीय रहा। फीनीक्स स्कूल के बच्चियों द्वारा ओरी चिरैया गीत पर दिल छू लेने वाला नृत्य प्रस्तुत किया गया। इसके बाद समीर द्वारा लिखित एवं निर्देशित एकल प्रस्तुति नाटक कालसच के द्वारा समाज में हो रहे बलात्कार जैसे धनंजय अपराध का विरोध करते हुए अपने अभिनय के माध्यम से समाज को ये बताने की कोशिश किया कि सिर्फ बेटियों को ही नहीं बल्कि बेटो को भी समझाने की जरूरत है। संगीत निर्देशन ओमप्रकाश का रहा, जबकि लाइट व साउंड एहसान एवं जुनैद ने सम्भाला। इस दौरान शशिप्रेम देव, सुनील पाठक, कंचन जमालपुरी आदि गणमान्य उपस्थित रहे। संचालन नतीन पाण्डेय ने किया। अंत में फीनीक्स स्कूल के प्रबंधक सुनील यादव ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया।