रामकृष्ण पाण्डेय की रिपोर्ट-
सीतामढ़ी/भदोही। बड़ा सवाल है कि क्या मौत के सौदागर से मनमानी मस्ती करते लोगों के आगे प्रशासन पनाह मान चुका है या लापरवाही बरत रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि धार्मिक नगरी सीतामढ़ी का महर्षि वाल्मीकि गंगा घाट लगातार खतरनाक बनकर उभर रहा रहा है। ढ़ाई माह के भीतर 6 जानें उक्त घाट पर नहाने के दौरान जा चुकी हैं। लेकिन जिला प्रशासन के तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जो बैरिकेडिंग डीएम के निर्देश पर 2 माह पूर्व जिला पंचायत द्वारा कराई गई थी वह नाकाफी है। लगने के बाद से ही वह आसानी से जगह जगह टूट गई। वास्तव में रस्सियों से बांधकर बैरिकेडिंग स्नान घाट पर की गई है जो पानी बढ़ने व नहाने वाले नवयुवकों के मस्ती का शिकार हो करीब करीब टूटने के कगार पर पहुंच चुकी है। लोगों का कहना है कि पुरुषोत्तम व गर्मी मास के चलते इधर बीच अधिक भीड़ लग रही है लेकिन चंद कदम पर स्थित सीतामढ़ी चौकी का कोई सिपाही सुरक्षा की दृष्टि से झांकने तक नही आता। बहरहाल , मामले की गम्भीरता को देख जिला प्रशासन को मौत के सौदागर बनते सीतामढ़ी गंगा घाट पर सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टि से ठोस बंदोबस्त कराने की तत्काल जरूरत है। वरना इसी तरह लोग जाने अनजाने मौत के मुंह मे समाकर दफन होते रहेंगे।