प्रेम कुमार की रिपोर्ट :
वैशाली : बिदुपूर में गंगा नदी में परिचालित होने वाली नाव हर दिन हादसे को आमंत्रण दे रही है। हर दिन इन नदी घाटों में नाव पर ओवरलोडिंग कर सवारियों को आने-जाने के लिए विवश होना पड़ता है। कुछ दिन ही पूर्व घाट किनारे लगने से बड़ा नाव हादसा हो जाता। इन घाटों से चलने वाली लगभग 5 दर्जन नाव का सरकार द्वारा आदेश के बाद अभी तक पंजीयन भी नहीं हुआ है और ना ही नाव और नाविकों पर स्थानीय अंचल प्रशासन और पुलिस की ओर से ध्यान दिया जा रहा है, जबकि मानसून के आने के बाद नदी में जलस्तर में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है।
जानकारी के मुताबिक दियाराक्षेत्र के फतेहपुर,राघोपुर,जुराबनपुर,बिशनपुर,करमपुर जहांगीरपुर,रुस्तमपुर जैसे गांव में जाने – आने का एकमात्र जरिया बरसात के समय यहीं होता है। तकरीबन राज्य मार्ग से जुड़े 15 हजार लोग नाव से ही सवारी करते हैं। सरकारी स्कूल और दफ्तर में ड्यूटी करने जाने वाले कर्मी भी नाव के सहारे ही नदी पार करते हैं। इन घाटों पर सरकारी नावों की सेवा उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण बिदुपूर एवं राघोपुर के नदी घाट चेचर, जुड़ावनपुर ,चकौसन, जिंदारी घाट, बिशनपुर ,सैदअली से 5 दर्जन प्राइवेट नाव का प्रतिदिन परिचालन होता है। सभी सवारियों से किराया वसूलने के बावजूद भी कई नाव संचालक अपने रसूख एवं दबंगई के दम पर नाव को ओवरलोड कर परिचालन करते हैं।