नई दिल्ली : वामपंथी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का मामला लागातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में फिलहाल वामपंथी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी रोक दी गई है और वामपंथी कार्यकर्ताओं को घर में नज़रबंद कर दिया गया है। लेकिन महराष्ट्र पुलिस ने वामपंथी कार्यकर्ताओं को लेकर जो दावे किये है, वो चौकाने वाले हैं।
माओवादियों से संबंध के आरोप में पांच वामपंथी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के एक दिन बाद पुणे पुलिस ने कहा कि उसके पास ऐसे ‘साक्ष्य’ हैं, जिनसे पता चलता है कि ‘आला राजनीतिक पदाधिकारियों’ को निशाना बनाने की साजिश थी। पुलिस ने दावा किया कि सबूत से पता चलता है कि गिरफ्तार लोगों के कश्मीरी अलगाववादियों से संबंध थे।
पुणे पुलिस ने कई राज्यों में प्रमुख वामपंथी कार्यकर्ताओं के घरों पर छापेमारी की और उनमें से पांच को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कवि वरवर राव को हैदराबाद, वर्नोन गॉन्जैल्विस और अरुण फेरेरा को मुंबई, ट्रेड यूनियन नेता एवं वकील सुधा भारद्वाज को फरीदाबाद और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। कुछ प्रबुद्ध लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और इन गिरफ्तारियों को चुनौती दी। शीर्ष कोर्ट ने आदेश दिया है कि पांचों कार्यकर्ताओं को छह सितंबर तक उनके घर में नजरबंद रखा जाएगा।
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