नई दिल्ली : कांग्रेस की अगुआई वाली UPA सरकार के कई घोटालों और कारनामों से अब तक पर्दा हैट चुका है और कई अब तक बेनकाब हो रहे हैं। UPA सरकार के समय कांग्रेस द्वारा रची गई एक बड़े साजिश का पर्दाफाश हुआ है, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में भूचाल मचा हुआ है। दरअसल UPA सरकार के समय में कांग्रेस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को आतंकी की सूची में डालने की साजिश रची थी।
बता दें कि यूपीए सरकार ने अजमेर और मालेगांव ब्लास्ट के बाद हिंदू आतंकवाद थियोरी पेश की थी। खबर है कि इस दौरान कांग्रेस ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी पर दवाब बनाया ताकि मोहन भागवत को एक रणनीति के तहत फंसाया जा सके।
जानकारी ये भी मिली है कि इन ब्लास्ट के चलते संघ प्रमुख से जांच अधिकारी पूछताछ करना चाहते थे। बता दें कि जांच अधिकारी ये सब कांग्रेस के दवाब में आकर कर रहे थे। तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे भी इस रणनीति में शामिल थे और भागवत को पूछताछ के लिए हिरासत करवाना चाहते थे।
वहीं, 2014 में एक पत्रिका में संदिग्ध आतंकी स्वामी असीमानंद का इंटरव्यू छपा था। इंटरव्यू में भागवत को आतंकी हमलों का मुख्य प्रेरक बताया गया था जिसके बाद यूपीए ने एनआईए पर जोर डालना शुरू कर दिया लेकिन जांच एंजेसी के प्रमुख शरद यादव ने इस मामले से कन्नी काट ली। लेकिन यूपीए चाहती थी कि भागवत से जुड़ी टेप की फॉरेंसिक जांच हो मगर केस के आगे न बढ़ने से एनआईए ने इस मामले से किनारा कर फाइल बंद कर दी।