नई दिल्ली : दिल्ली के केजरीवाल सरकार की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नज़र आ रही है। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश सहित पिछले चार सीएस पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगा है, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। एक तरफ जहाँ मुख्य सचिवों ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है, वहीँ इस मामले में सीएम केजरीवाल ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए विजिलेंस की मदद लिए जाने का फैसला किया है।
बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर संज्ञान लिया, जिसके बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि वे शिकायतकर्ता से मिलकर पहले शिकायत पर गौर करेंगे। दरअसल, दिल्ली सरकार के एक अस्पताल में मेडिसिन विभाग के एक डॉक्टर ने राष्ट्रपति को भेजे अपने पत्र में दिल्ली के वर्तमान और पूर्व मुख्य सचिवों पर रिश्वत लेने के आरोप लगाए हैं।
पत्र में 10 सबूतों का जिक्र करते हुए डॉ. अविनाश कुमार ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सीबीआई, सीबीसी और डीओपीटी समेत दिल्ली सरकार के मंत्रालयों को भी इन आरोपों के प्रमाण के तौर पर मुख्य सचिवों की कार्य अवधि व वर्तमान नियुक्ति की जानकारी भी सौंपी है। बहरहाल, इस मामले ने एक बार फिर दिल्ली सरकार और मुख्य सचिव को लेकर चली आ रही राजनीति को हवा दी है। सूत्रों की मानें तो जल्द ही इस मामले में दिल्ली सरकार जांच कमेटी भी गठित कर सकती है।
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