संतोष शर्मा की रिपोर्ट :
बलिया : उत्तर प्रदेश शासन की अति महत्वाकांक्षी योजना एंबुलेंस सेवा जहां एक तरफ मरीजों को उनके घर लाकर अस्पताल पहुंचाने तथा पुन: उनके घर छोड़ कर समयबद्ध उपचार करवा कर उनकी जीवन की रक्षा करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है, वहीं 102 एंबुलेंस चालक भी अपनी कार्यक्षमता व दक्षता से मरीजों के जीवन रक्षक बनकर इस योजना को कामयाब बनाने में लगे हुए हैं।
कुछ इसी तरह की घटना बलिया जिला मुख्यालय से 40किलोमीटर दूर रविवार की सुबह लगभग 9 बजे नीबू कबीरपुर निवासी हरिकेश राजभर की गर्भवती पत्नी मंशा देवी के साथ घटित हुई। जब मंशा को दर्द व पीड़ा होने पर परिजनों द्वारा 102 एंबुलेंस को फोन करके बुलाया गया। एंबुलेंस पर सवार होकर मंशा देवी परिजनों संग गांव से रसड़ा कासिमाबाद मार्ग सरदासपुर के निकट पीसीएफ गोदाम तक पहुंची थी कि पीड़ा असहनीय होने लगी। इसी बीच एंबुलेंस चालक ने सूझ-बूझ का परिचय देते हुए एंबुलेंस को किनारे सड़क पर रोक दिया और इस बीच मंशा देवी के बच्चा कराने में जूट गए।
मंशा देवी ने एंबुलेंस में ही एक सुंदर व पूर्ण रूप से स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दे दिया। एंबुलेंस में बच्चे की किलकारी को सुनकर सबके चेहरे पर खुशी छा गई। इस दौरान मंशा देवी के दर्द व पीड़ा से जहां परिजन काफी परेशान दिखे वहीं बच्चा होते ही परिजनों संग एंबुलेंस चालक ने राहत की सांस ली। चालक ने तत्काल बाद महिला व बच्चे को लेकर रसड़ा सीएचसी अस्पताल पहुंचा जहां इस करिश्मा व जज्बे को देखकर चिकित्सक भी हैरान रह गए और त्वरित जच्चा व बच्चा का प्राथमिक उपचार चिकित्सा शुरू कर दी गई। कुछ समय बाद ही चिकित्सकों ने जच्चा व बच्चा को अस्पताल से छुट्टी कर दी। इस दौरान अस्पताल परिसर में मौजूद लोगों ने एंबुलेंस चालक इस साहसिक कार्य को काफी सराहा।