संतोष शर्मा की रिपोर्ट
*बलिया।* जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने लू (हीट वेव) से बचाव एवं राहत के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रोजेक्ट मैनेजर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, अधिशासी अभियंता जल निगम, जिला पंचायत राज अधिकारी, सहायक उप संभागीय परिवहन अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वह इसके लिए कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करें।
इस संबंध में जिलाधिकारी ने जन जागरूकता पैदा करने के निर्देश सभी संबंधित अधिकारियों को दिए हैं और कहा है हीट वेव से बचाव के लिए ‘क्या करें और क्या ना करें‘ की जानकारी जन जन को दी जाए। जिलाधिकारी ने जनमानस से अपील की है कि गर्म हवाएं ‘लू की दशा में पर्याप्त मात्रा में पानी‘ तरल पदार्थ जैसे छाछ, नींबू का पानी, आम का पना का उपयोग करें। हल्के रंग के सूती एवं ढीले कपड़े पहने एवं सर को ढकें तथा कड़ी धूप से बचें। लू से प्रभावित को छाया में लिटाकर सूती गीले कपड़े से पोंछें अथवा नहलाएं तथा चिकित्सक से संपर्क करें। लू लगने के लक्षणों को पहचाने यदि कमजोरी लगे, सिर दर्द हो, उल्टी महसूस हो, तेज पसीना और झटका जैसा महसूस हो, चक्कर आए तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। बीमार और गर्भवती महिला कामगारों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। विशेष तौर पर 12 बजे से 3 बजे के बीच सूर्य के ताप से बचने हेतु बाहर जाने से बचें और कड़ी मेहनत से बचें। यात्रा करते समय पानी साथ में रखें। निर्जलीकरण से बचने के लिए ओ आर एस का उपयोग करें।
स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुने और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें। बच्चों व पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन में अकेला ना छोड़ें। जहां तक संभव हो घर में ही रहें और सूर्य के संपर्क से बचें। सूर्य के ताप से बचने के लिए जहां तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहें। संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें। अधिक प्रोटीन वाले तथा बासी खाद्य पदार्थ खाने से बचें। आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें और जानवरों को छाया में बांधें और उन्हें पर्याप्त पानी पिलाएं।