उमेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट :
अमेठी : एक तरफ प्रदेश सरकार अधिकारीयों को अपने ऑफिस में ही निवास करने की आदेश दे रखा है लेकिन अमेठी जनपद में मुख्यमंत्री का आदेश किसी भी विभाग पर लागू नहीं होता। सबसे ज्यादा अमेठी की स्वास्थ्य सेवाओं के अधिकारियों पर शासन के आदेशों का कोई महत्व नहीं है। ताजा मामला कोतवाली मोहनगंज के सीएचसी तिलोई का है जहां लापरवाह डॉक्टरों के चलते एक छात्रा काल के गाल में समा गई।
जानकारी के अनुसार तिलोई तहसील क्षेत्र के गांव कटोरवा मजरे फूला मे एक 15 वर्षीय बालिका साक्षी सिंह पुत्री नरेन्द्र सिंह एस.पी.एन.इन्टर कालेज तिलोई की छात्रा थी जो बीते मंगलवार को सुबह पढ़ने के लिए विद्यालय गयी हुई थी तथा शाम को विद्यालय से छुट्टी होने पर छात्रा साकुशल घर पहुँची की अचानक उसको पेट मे दर्द चालू होना शुरू हो गया।आनन फानन परिजन छात्रा को लेकर सी.एच.सी.तिलोई उपचार हेतु लेकर भागे, लेकिन सी.एच.सी. पहुँचने पर परिजनो ने देखा कि सी.एच.सी.परिसर के एमरजेंसी मे कोई डॉक्टर व नर्स स्टाप वार्ड बॉय मौके पर मौजूद नही था।
घन्टो तक परिजन सी.एच.सी. मे ही छात्रा को जमीन पर लेटाकर डॉक्टरों का इन्तजार करते रहे, लेकिन सी.एच.सी. तिलोई के डॉक्टरों का कहीं पता नही था । अन्ततः छात्रा का समय पर इलाज ना होने पर छात्रा ने देर शाम सी.एच.सी. परिसर मे ही अपना दम तोड़ दिया। इलाज के अभाव से छात्रा की मौत पर परिजनो ने तिलोई सी.एच.सी. के डॉक्टरो के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की।मृतक छात्रा साक्षी सिंह के भाई अंकुर सिंह ने कहा है कि यदि तिलोई सी.एच.सी के डॉक्टर व नर्स स्टाप ड्यूटी पर मौजूद होते तो उसकी बहन की जान बचाई जा सकती थी।
हम आपको इस बात की जानकारी देते चलें कि इससे पूर्व भी तिलोई के डॉक्टरों व नर्स स्टाप की घोर लापरवाही से सी.एच.सी. परिसर मे ही कई नवजात शिशुओं की भी मौत हो चुकी है ,फिर भी जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कुम्भकर्णी नींद सोने मे मशगूल हैं।