आडम्बर नहीं, संघर्षों के पथ-प्रदर्शक हैं अम्बेडकर-वाम दल

चकिया चन्दौली:डॉ बी.आर. अम्बेडकर की जयंती का आयोजन हम कोई कर्मकाण्ड के लिए नहीं, बल्कि हमारे सामाजिक कर्मों पर विचार-विमर्श और संषर्ष के संकल्प के लिए मनाते है| यह कहते हुए माकपा के राज्य सचिव मण्डल सदस्य दीनानाथ यादव ,माले के राज्य कमेटी सदस्य मिठाई बिन्द भाकपा के जिला सचिव शुकदेव मिश्र, स्वराज अभियान व मजदूर किसान मंच जिला प्रभारी अजय राय ने गाँधी पार्क में आयोजित उपवास सभा में डा. भीम राव अम्बेडकर को माल्यार्पण करते हुए उपवास की शुऱुआत की।उपवास स्थल पर बोलते हुए वामदलो के नेताओ ने कहा कि 90 के दशक के शुरुआत से ही संघ के नेतृत्व में हिंदुत्ववादी शक्तियां  अपनी राजनैतिक परियोजना के हिसाब से डॉ. अंबेेडकर का पुनर्पाठ करने में लगी थीं। अंबेेडकर को हिन्दू राष्ट्र का समर्थक, आरएसएस का शुभचिंतक और अखण्ड भारत का समर्थक सिद्ध करने की लगातार कोशिश की जाती रही है। अंबेेडकर को ’फॉल्स गॉड’ और अंग्रेज समर्थक साबित करने की प्रक्रिया में मुँह की खा चुके संघ के विचारकों ने अंबेेडकर को गले लगाने का नया पैंतरा अपनाया है। इसके तहत झूठ पर आधारित अनर्गल तथ्यों को सामने रखकर अंबेेडकर को ’हिन्दू आइकॉन’ के रूप में पेश करने की कोशिश चल रही है। दलितों पिछड़ों और आदिवासियों के उल्लेखनीय समर्थन से संघ-बीजेपी को जो चुनावी सफलताएं मिलीं, उससे हिंदुत्व की ताकतों को अंबेेडकर के पुनर्पाठ और उसका व्यापक प्रचार करने के प्रति और अधिक उत्साह पैदा हुआ है।

यह एक किस्म का वैचारिक दुस्साहस ही कहा जाएगा कि अंबेेडकर जैसे हिंदुत्व विरोधी और प्रगतिशील-लोकतांत्रिक विचारक व नेता को हिंदुत्व के खांचे में समाहित करने का प्रयास किया जाए, क्योंकि जब हम डॉ. अंबेेडकर के लेखन और उनकी प्रस्थापनाओं से होकर गुजरते हैं तो यह पाते हैं कि वे हिन्दू धर्म, हिंदुत्व की राजनीति और हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा के प्रबल विरोधी थे। सबसे पहली बात यह समझना जरूरी है कि डॉ. अंबेडकर हिन्दू धर्म को ’धर्म’ मानने के लिए ही तैयार नहीं थे। उनके अनुसार हिन्दू धर्म वर्ण व्यवस्था से अलग कुछ भी नहीं है। इसका एकमात्र आधार जाति व्यवस्था है और जाति के समाप्त होते ही हिन्दू धर्म का कोई अस्तित्व नहीं रह जायेगा। अपने प्रसिद्ध लेख ‘जातिप्रथा उन्मूलन’ में बाबा साहब डॉ. अंबेेडकर ने लिखा है- ‘‘सबसे पहले हमें यह महत्वपूर्ण तथ्य समझना होगा कि हिन्दू समाज एक मिथक मात्र है।

उन्होंने जो कहा उसे हमे समझना होगा व भाजपा के हर साजिश को बेनकाव करना होगा
सांकेतिक उपवास में माकपा के राज्य सचिव मण्डल सदस्य दीनानाथ यादव ,श्री प्रसाद ,स्वराज अभियान नेता अजय राय माले के मिठाई लाल ,भाकपा के जिला सचिव शुकदेव मिश्रा ,महिला नेता हौशिला कुशवाहा ,रामअचल यादव ,विजयी राम शिवमूरत राम ,राम निवास पाण्डेय ,लालचन्द यादव ,भरत राम ,गगेलू राम ,नरोत्तम चौहान ,अमर बहादुर चौहान ,गंगा दयाल ,राममुरत पासवान पहलाद मिश्र , नन्द लाल राम ने सभा को सम्बोधित किया तथा सैकडो़ लोग उपवास में शामिल रहे। सभा की अध्यक्षता श्री प्रसाद तथा संचालन शम्भू नाथ यादव ने किया

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