कटिहार : करोड़ों रुपए का अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र शौचालय में हुआ तब्दील, नहीं हो सका इनका उदघाट्न

तौक़ीर रज़ा की रिपोर्ट :

कटिहार : कोढ़ा प्रखण्ड अन्तर्गत विनोदपुर पंचायत के विनोदपुर गांव में करोड़ों रुपए खर्च कर बना अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र लोगों का शौचालय गाह बन गया है। गौरतलब है कि आनन फानन में स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराकर सरकार के बड़ी राजस्व की क्षति हो रही है। इस अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी है। सरकार आम लोगों की स्वास्थ्य को लेकर बड़े-बड़े दावे तो कर रही है, मगर करोड़ो रूपए खर्च कर बना यह स्वास्थ्य केंद्र अपने बदकिस्मती पर आँसू बहा रही है।



जिले के आला अधिकारियों ने शौचालय निर्माण को लेकर एड़ी-चोटी का जोड़ लगा दिया है, लेकिन जब आला अधिकारी इस स्वास्थ्य केंद्र का भ्रमण करेंगे तो दंग रह जाएंगे कि यहां पर सरकार की शौचालय निर्माण अभियान की किस तरह से धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। लोगों ने इस खूबसूरत कमरे में जो टायल्स लगे हुए हैं, उस पर किस तरह से शौच कर गंदगी फैला दिया है। बिजली का वायरिंग और सभी कमरे में लगा पंखा, सब लूट पाट हो चूका है।



स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि करोड़ों रुपए खर्च कर बना इस अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का अब तक उदघाट्न तक नहीं किया गया है और यह शौचालय में तब्दील के साथ साथ पशुओं के लिए चारागाह बन गया है। कटिहार से तीन बार रह चुके सांसद निखिल कुमार चौधरी का यह पैतृक गांव है, फिर भी यहां की यह स्तिथि है जिसे आप देख कर दंग रह जायेंगे। आखिर सरकार की इस बड़ी सम्पति को बर्बाद करने के पीछे किन रसूखदार का हाथ है ? यह बड़ा सवाल है। क्या कटिहार जिला प्रशासन इनका जिम्मेदार नहीं है ? तक़रीबन चार साल पहले बना यह अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का क्यों नहीं अब तक उदघाट्न हो सका ? करोड़ों रुपए के स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और नर्स अब तक क्यों नहीं बहाल हो सके ? स्वास्थ्य विभाग की पूरी तरह से पोल पूरी तरह से खुल चुकी है।



आप को बताते चलें कि डॉक्टर के लिए बने एक खूबसूरत भवन में यहां के एक स्थानीय परिवार अपना कब्जा किया हुआ है। दुःख की बात यह है इस अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में शाम होते ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो जाता है। जिले के आला अधिकारी से लेकर सरकार इस ओर ध्यान आकर्षित करें और इस अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र को चालू कर गरीबों को सेवा दिलवाने का कार्य करें। गरीब परिवार जिसे झोला छाप आए दिन दोहन कर रहे हैं, गरीबों का दोहन रुक सके। इस मामले को लेकर जब सिविल सर्जन मुर्तुजा अली से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह मामला हमारी जानकारी में नहीं है। जानकारी मिलने के बाद ही हम अपना कुछ बयान दे सकते हैं। आप सोच सकते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी किस तरह से अपना पल्ला झाड़ते नजर आते हैं। तो जिले में स्वास्थ्य विभाग की क्या हालत होगी ? इससे अंदाजा लगाया जा सकता है।


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