पटना से शशि यादव की रिपोर्ट: पटना :
बिहार बोर्ड से बड़ी खबर आ रही है. मीडिया में आ रही रिपोर्ट के अनुसार हंगामा करनेवाले 21 स्टाफ पर बिहार बोर्ड प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है. अध्यक्ष ने हंगामे में शामिल स्टाफ को चिह्नित करने के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया. बताया जाता है कि इतने पर ही मामला थमने वाला नहीं है. सस्पेंड किये गये स्टाफ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
गौरतलब है कि पटना के रहनेवाले राजेश गुंजन व अन्य ने टेंडर पर कंप्यूटर ऑपरेटर पद के लिए एमटीएस का फॉर्म भरा था. स्टूडेंट्स ने इसके लिए परीक्षा भी दी थी. इन्होंने टाइपिंग स्पीड टेस्ट को को भी पास कर लिया. वहीं 5 दिसंबर को इन लोगों के पास फोन आया. फोन करनेवाले ने खुद को बोर्ड का स्टाफ बताया. फोन करनेवाले ने खुद को दीपक वर्मा बताते हुए कहा कि अगर नौकरी चाहिए तो 80 हजार रुपये जमा करने होंगे. गुंजन ने उसकी बातों को रिकॉर्ड कर लिया. खास बात कि फोन करनेवाले ने अकाउंट नंबर भी दिया.
गुंजन ने इसकी जानकारी बिहार बोर्ड प्रशासन और एसएसपी मनु महाराज को दी. इसी बीच जांच में पता चला कि राजेश रंजन इकलौता अभ्यर्थी नहीं है. कई अभ्यर्थियों से भी पैसे मांगे गये हैं. उनलोगों से चंदन शर्मा व रामसकल के नाम पर पैसे मांगे जाने की बात कही गयी. इसे लेकर शुक्रवार को पुलिस ने फर्जीवाड़े के आरोप में बिहार बोर्ड के तीन स्टाफ को पुलिस पूछताछ के लिए थाने ले गयी, फिर सत्यापन के बाद देर रात में छोड़ दिया.