ग्रेटर नोएडा : दिल्ली से सटे जनपद गौतमबुद्ध नगर थाना ईकोटेक-3 क्षेत्र के गांव सुनपुरा में सीबीआई को उस समय खुद अपनी जान बचाना भारी पड़ गया, जब अपने ही विभाग के एएसआई सुनील दत्त के यहां छापा मारने पंहुची। अभियुक्त व उसके परिजनों सहित गांव वाले, सीबीआई टीम के पीछे पड़ गए। दरअसल सीबीआई की एक 6 सदस्यीय टीम वांछित चल रहे आरोपी सीबीआई में पूर्व एएसआई के पद पर तैनात सुनील दत्त के यहाँ सुबह करीब 10 बजे छापा मारने गई। सुनील दत्त बीते 2010 में ग्रेटर नॉएडा यमुना प्राधिकरण के सीईओ पीसी गुप्ता द्वारा किसानो की जमीन खरीद परोख्त के 126 करोड़ मामले में दोषी है। इसमें पीसी गुप्ता समेत 7 आरोपिओं द्वारा ये घोटाला किया गया था, जिसमें से 5 को अबतक गिरफ्तार कर लिया था, जिसमें से रणबीर तहसीलदार और पूर्व सीबीआई इंस्पेक्टर सुनील दत्त फरार चल रहा था। फ़िलहाल इस पुरे मामले में पीड़ित पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी है. जिसमें पुलिस ने आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है।
आपको बता दें कि इस मामले में अब तक छह लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस ने डाटा इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशक सतेंद्र चौहान, रमेश बंसल और सत्येंद्र को गिरफ्तार किया था। इसके बाद गांव धमैड़ा (बुलंदशहर) निवासी अधिवक्ता संजीव कुमार को गिरफ्तार किया, जबकि सबसे पहले पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता को गिरफ्तार किया था। एक आरोपी को जमानत मिली है।
वही इस पुरे मामले में जांच में राहत पाने के लिए तहसीलदार रणबीर सिंह ने इंस्पेक्टर को रिश्वत दी थी, जिसमें सीबीआई ने गाजियाबाद में तैनात सीबीआई के इंस्पेक्टर वीएस राठौर और सीबीआई अकादमी में तैनात एएसआई सुनील दत्त को आरोपी बनाया है और उस समय छापा मारा तो, सुनील दत्त बच निकला और फरार हो गया था, जिसके बाद आज सीबीआई फिर सुनील दत्त के घर छापा मारने पंहुची और ये प्रकरण कारित हुआ।