नई दिल्ली : सरकार और आरबीआई के बीच गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों के बीच जारी अंदरूनी घमासान अब खुलकर सामने आ गई है। इसी बीच खबर है कि गवर्नर उर्जित पटेल अपना इस्तीफ़ा सौंप सकते हैं। इसी बीच वित्त मंत्रालय ने एक बयां जारी किया है, जिसमें कहा है कि समय-समय पर सरकार और आरबीआई के बीच कई मुद्दों पर विस्तृत विचार-विमर्श होता रहा है। दूसरे सभी रेगुलेटर के मामलों में भी यही प्रक्रिया है। सरकार ने कभी भी इन विचार-विमर्श के मुद्दों को सार्वजनिक नहीं किया है और केवल अंतिम फैसले ही लोगों को बताए जाते हैं।
वित्त मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि एक्ट के दायरे में केंद्रीय बैंक को स्वायत्तता मिली है जोकि आवश्यक है और सभी को मंजूर है। सरकार और केंद्रीय बैंक दोनों को सार्वजनिक हित और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से निर्देशित किया जाता है। चर्चा के दौरान सामने आए मुद्दों के आंकलन के आधार पर सरकार सुझाव देती है और यह प्रक्रिया जारी रहेगी।
बता दें कि हाल ही में आरबीआई ने स्वायत्तता को लेकर सवाल उठाए हैं जिसके बाद सरकार और रिजर्व बैंक के बीच तनातनी बढ़ गई है। वहीं, सरकार लगातार रिजर्व बैंक के गवर्नर पर आरोप लगा रही है। दूसरी तरफ, आरबीआई के सेक्शन 7 में कहा गया है कि सरकार रिजर्व बैंक के गवर्नर से बातचीत करने के बाद समय-समय पर जनता के हित में रिजर्व बैंक को आदेश दे सकती है, जबकि उर्जित पटेल ने कहा है कि सरकार आरबीआई के मामले में दखल देने का काम कर रही है।