वाराणसी दिनांक 02.05.2018 की रात्रि में आये भीषण आंधी तूफ़ान, आकाशीय विद्युत्, ओलावृष्टि से उत्तर प्रदेश के 23 जनपदों में कुल 75 जनहानि, 87 व्यक्ति घायल एवं 331 पशु हानि हुयी | इसके अतिरिक्त 8 जनपदों में 338 कच्चे व पक्के मकान भी छतिग्रस्त हुए | प्रदेश में आये भीषण आंधी तूफ़ान के कारण जान एवं माल का नुकसान हुआ लेकिन प्रशासन ने बड़ी मुस्तैदी के साथ कम से कम समय में घटनास्थलों पर पहुँच कर राहत एवं बचाव का कार्य शुरू किया औरघायलों को तुरंत चिकित्सा एवं राहत मुहैया करायी जिससे जनहानि के आंकड़े को कम किया जा सका | ऐसी आपदा में बड़ी संख्या में जनहानि की आशंका होती है लेकिन प्रशासन की त्वरित कार्यवाही व सतर्कता के चलते घायलों को उपचार एवं राहत ने निश्चित रूप से जनहानि के आंकड़ों को कम किया है | प्रदेश के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से प्राप्त सूचना के आधार पर कुल प्रभावित 17 जिलों के पीड़ित परिवारों को सहायता हेतु 5.5 करोड़ रुपये आवंटित किया जा चुके है और साथ ही मकान क्षति के 338 प्रभावित परिवारों को 5 लाख 71 हज़ार रुपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है | प्रशाशन द्वारा पीड़ित परिवारों को इतने कम समय में राहत पहुँचाना अत्यंत ही प्रशंसनीय कार्य रहा |
भारत मौसम विज्ञानं विभाग द्वारा जारी की गयी चेतावनी के अनुसार उत्तर प्रदेश सहित देश के 15 राज्यों में भीषण आंधी तूफ़ान, आकाशीय विद्युत्, ओलावृष्टि की संभावना अगले तीन दिनों तक बनी रहेगी अतः वाराणसी स्थित 11 एनडीआरएफ ने चेतावनी को संज्ञान में लेते हुए ऐसी दैवीय आपदा से निपटने के लिए वाराणसी, लखनऊ गोरखपुर और भोपाल में तैनात टीमों को हाई अलर्ट कर दिया है | चूँकि ऐसी आपदाओं में मकान गिरने और पेड़ों के गिरने से ज्यादा जनहानि होती है अतः एनडीआरएफ की इन टीमों को विशेष प्रकार के कटिंग उपकरणों से सुसज्जित किया गया है जिससे ये घटनास्थल पर पहुंचकर त्वरित कार्यवाही कर सकें |
आंधी, तूफ़ान और आकाशीय बिजली कडकने के दौरान यदि हम कुछ बातों को ध्यान में रखें तो हम अपना बचाव स्वयं कर सकते हैं जैसे-
पेड़ों के नीचे शरण न लें और बिजली व टेलीफोन के खम्बों से दूर रहें |
बिजली कडकने पर यदि आप खुले स्थान में है तो दोनों हाथों को कानों पर रखें और एडियों को आपस में जोड़कर बैठ जाएँ |
तालाब, झील और नदी या अन्य किसी जलाशय के समीप ना रहें |
घर के दरवाजे व खिडकियों से दूर रहें |
बच्चों और पशुओं को घर के अन्दर ही रखें वरांडे में न बैठें |
घर के सभी विद्युत् उपकरणों के प्लग निकाल दें |
लैंडलाइन व मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें |
टिन और अन्य धातु की चादरों से दूर रहें |
कार या अन्य वाहन को चलाते समय सुरक्षित स्थानों पर रोकें और स्थिति सामान्य होने तक यात्रा ना करें |
रेडियो, लोकल मीडिया और समाचार के माध्यम से मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहें
भीषण अंधी तूफ़ान के दौरान कच्चे व मिटटी के मकानों से बाहर आ जायें |
घरों में लगी टीन शीट को मजबूती से बांधकर रखें ताकि वे हवा में न उड़ें |
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