JHV मॉल में फायरिंग करने वाले मुख्य आरोपी ने कहा ‘फेसबुक पर टिप्पणी को लेकर हुआ था गोली कांड’

आशीष गौरव पांडेय की रिपोर्ट :

वाराणसी : “वो मेरी हर पोस्ट पर गलत कमेंट करता था। और तो और छात्रसंघ चुनाव के बाद भी वो हमारी पोस्ट पर गलत टिप्पणियाँ करता रहता था। जिसको लेकर हमारी मैसेंजर पर लड़ाई भी हुई थी और मारनें व हत्या करने की बात हुई थी। उसके बाद का सब जनते ही है। मुझे अफ़सोस है इस घटना का।” ये कहना है वाराणसी के सनसनीखेज़ जेएचवी दोहरे हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त 50 हजार के ईनामी अलोक उपाध्याय का।

बता दें कि आलोक को क्राइम ब्रांच और कैंट पुलिस नें सोमवार को कैंट रेलवे स्टेशन से कही जाते हुए पकड़ा था। जानकारी के अनुसार 50 हज़ार के इनामियाँ इस आरोपी को मंगलवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नें मीडिया के सामनें पेश किया गया। फिलहाल पुलिस नें अलोक को जेल भेजते हुए अन्य दो की तलाश तेज़ कर दी गई है।



महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के आईआरपीएम पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के छात्र नें मीडिया को बताया कि आखिर क्या वजह थी कि JHV जंग का मैदान बन गया। इस सम्बन्ध में जब पकडे गए अभियुक्त को पुलिस लेकर पुलिस लाइन पहुँची तो मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए आलोक नें इस घटना के लिए अफ़सोस जताते हुए अपने गोली चलानें वाले दोस्त कुंदन और ऋषभ का बचाव भी किया। आलोक नें बताया कि प्रशांत भी काशी विद्यापीठ का स्टूडेंट है। हाल ही में जो चुनाव बीता है छात्रसंघ का उसमें हम कोई भी पोस्ट डालते थे तो वो उस पर कमेंट करता था, मैंने मना किया तो उसनें मुझसे झगड़ा किया और कहा कि हम तुम्हे मारेंगे और हमनें कहा कि हम तुम्हे मारेंगे। इसके बाद मेरा जो दोस्त रोहित जेएचवी माल में फ़्लाइंग मशीन के शोरूम में ही काम करता है उसनें बताया कि उसका क्रिस्टा के मैनेजर से लड़ाई हुई थी। उससे मैंने प्रशांत की आईडी भेज कर पूछा की क्या ये भी वहीँ काम करता है तो उसनें बताया कि हाँ ये प्यूमा में वहीं काम करता है। उसके बाद उसनें क्रिस्टा के मैनेजर को पहचनवाया और फिर मैं वहाँ गया, रात में 9 बजे और क्रिस्टा के मैनेजर और प्रशांत के चार पाँच थप्पड़ मार दिया। उसके बाद प्रशांत नें कई बार मुझे अलग अलग फोन से धमकी दी।



आलोक नें बताया कि हम लोग घटना के दिन एग्ज़िट गेट से अंदर गए थे, जिस वजह से हमारे असलहे नहीं चेक हुए थे। हम सीधे प्यूमा के शोरूम में गए वहाँ हमें शूज़ खरीदना था। हमनें शूज़ देखा और वापस चलते समय मैंने एक लड़के से प्रशांत के बारे में पूछा तो उसने जवाब नहीं दिया। हम बाहर निकले, लड़के नें कहा कि प्रशांत से मिलना है और हमें अंदर बुलाया, जैसे ही मैं अंदर गया उन लोगों नें मुझे पकड़ लिया। इस पर मैंने अपनी बन्दूक निकाल ली की कौन मुझे मारेगा और वहाँ से निकलनें लगा तो कई लड़कों नें मुझे पीछे से पकड़ लिया और मुझे ज़मीन में गिराकर मेरी पिस्टल छीन ली ये देखकर मेरा दोस्त ऋषभ जो बहार निकल गया था वो अंदर आया और उसनें गोली चला दी। आलोक नें बताया कि ऋषभ अभी इंटर पास करके वाराणसी आया है और रोहित ग्रेजुएशन करके फ़्लाइंग मशीन में जॉब कर रहा था। वहीं कुंदन के बारे में वह कुछ ज़्यादा नहीं जानता।


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